अमेरिका के ठिकानों पर फिर हमला करेगा ईरान, अयातुल्ला अली खामेनेई की कड़ी चेतावनी

Iran Will Attack American Sites: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि ईरान भविष्य में किसी भी अमेरिकी हमले का जवाब देने को तैयार है। ईरान मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला मुंहतोड़ जवाब देगा। खामेनेई ने ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम के बाद पहली बार टेलीविजन पर इंटरव्यू दिया और अपने इरादे स्पष्ट करते हुए अमेरिका को चेतावनी दी। बता दें कि खामेनेई ने यह चेतावनी तब दी है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप कह चुके हैं कि अगर ईरान ने फिर से परमाणु कार्यक्रम शुरू किया तो अमेरिका फिर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करेगा। इससे पहले ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई कह चुके हैं कि इजरायल और अमेरिका के हमलों से ईरान के परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा।

 

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ट्रंप कर चुके ईरान को लेकर बड़ा दावा

बता दें कि अयातुल्लाह अली खामेनेई अपने देश ईरान में इजरायल पर जीत दर्ज करने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन जंग चली और इसमें अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई। पहले अमेरिका ने ईरान में परमाणु ठिकानों पर बमबारी और मिसाइल अटैक करके टारगेट को अचीव करने में इजरायल की मदद की। फिर कतर के जरिए दोनों देशों में सीजफायर कराया। अमेरिका और इजरायल ने मिलकर ईरान के परमाणु ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। इसलिए अब ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की इच्छा छोड़ दी है। अमेरिका को नहीं लगता कि ईरान फिर से परमाणु हथियार बनाने के बारे में सोचेगा। ईरान को तेल, मिसाइल और रक्षा हथियार मिलेंगे, लेकिन ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की राह छोड़ दी है। ईरान को परमाणु हथियार बनाने भी नहीं दिए जाएंगे। अमेरिका ऐसा होने ही नहीं देगा।

 

ईरान के पास परमाणु कार्यक्रम पर आपत्ति क्यों?

अमेरिका कहता आ रहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए। अमेरिका किसी कीमत पर ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा, क्योंकि ईरान मुस्लिम देश है। अगर ईरान ने परमाणु हथियार बना लिए तो अन्य मुस्लिम देश भी उसका साथ देंगे और इस तरह मुस्लिम देश एक पावर बन सकते है। मुस्लिम देशों का एक होना अमेरिका और अन्य देशों के लिए खतरा हो सकता है, इसलिए अमेरिका किसी दूसरे को पावर नहीं बनने देगा। ईरान को तो इसकी परमिशन मिलेगी ही नहीं।

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