Jagannath Rath Yatra 2025 On occasion know secret of 4 doors of Jagannath Temple

Jagannath Temple Mystery of 4 doors: जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून 2025 से शुरू हो चुकी है. देश-दुनिया से लोग भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा में शामिल होने के लिए पुरी, ओडिसा पहुंचते हैं. भक्त रथ यात्रा में शामिल होने के साथ जगन्नाथ मंदिर में दर्शन भी करते हैं.

जगन्नाथ मंदिर के 4 द्वार हैं, जो काफी रहस्यों से भरे हैं. आइए जानते हैं जगन्नाथ मंदिर में चार दरवाजे का क्या महत्व और रहस्य है. 

जगन्नाथ मंदिर के 4 द्वार का रहस्य
पुरी ओडिशा का जगन्नाथ मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और रहस्यमय मंदिरों में से एक है. भगवान जगन्नाथ को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है. ऐसे में जगन्नाथ मंदिर जितना पवित्र है, उतना ही रहस्यों से भरा भी. जगन्नाथ मंदिर अपनी भव्यता और रथ यात्रा समेत कई चमत्कार और रहस्यों के लिए भी जाना जाता है.

जगन्नाथ मंदिर के इन्हीं रहस्यों में से एक मंदिर के 4 मुख्य द्वार भी है. मंदिर के चार दरवाजे 4 अलग-अलग दिशाओं में स्थित है. जगन्नाथ मंदिर का पहला द्वारा जिसे ‘सिंह द्वार’ भी कहा जाता है. सिंह द्वार का मुख पूर्व दिशा की ओर है. जिसके सामने ही अरुण स्तंभ भी स्थित है. जगन्नाथ मंदिर का सिंह द्वार मोक्ष का प्रतीक माना जाता है.

जगन्नाथ मंदिर का दूसरा द्वार
जगन्नाथ मंदिर का दूसरा द्वार ‘अश्व द्वार’ है, जो दक्षिण दिशा में स्थित है. दक्षिण दिशा में स्थित अश्व द्वार का प्रतीक घोड़ा है. जगन्नाथ मंदिर के पुजारी इसे विजय का द्वार भी कहते हैं. कहा जाता है कि प्राचीन समय में योद्धा जगन्नाथ मंदिर के इस द्वार का प्रयोग जीत की कामना के लिए करते थे.

जगन्नाथ मंदिर का तीसरा द्वार हस्ति द्वारा है, इस द्वार को हाथी का प्रतीक माना जाता है. मंदिर का ये द्वार पश्चिम दिशा में स्थित है. जगन्नाथ मंदिर का हस्ति द्वार समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है. वहीं मंदिर का चौथा द्वार उत्तर दिशा में स्थित है, जिसे व्याघ्र द्वार कहा जाता है. इस द्वार का प्रतीक बाघ को माना जाता है. 

जगन्नाथ मंदिर के ये चारों द्वार शक्ति और पराक्रम का प्रतीक है. इसके साथ ही ये चारों द्वार सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग का प्रतिनिधित्व करते हैं. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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