Editor’s Take: जुलाई सीरीज की शुरुआत मजबूत संकेतों के साथ हुई है. विदेशी निवेशकों (FIIs) का मूड बेहतर होता दिख रहा है और उनकी ओर से खरीदारी लौटने के संकेत मिल रहे हैं. अनिल सिंघवी ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस समय बड़ी बिकवाली का डर नहीं है. घरेलू फंड्स लगातार बाजार में पैसा लगा रहे हैं. इसके साथ ही ब्याज दरों, महंगाई और लिक्विडिटी को लेकर भारत में संकेत काफी सकारात्मक हैं.
टैरिफ वॉर और जियोपॉलिटिक्स से राहत
9 जुलाई की डेडलाइन तक अमेरिका और अन्य देशों के बीच टैरिफ वॉर पर राहतभरी खबरें आ सकती हैं, जिससे बाजार को समर्थन मिल सकता है. साथ ही इजरायल, ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ा तनाव अब शांत होता नजर आ रहा है. कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर इंडेक्स में भी स्थिरता बनी है, जो भारतीय बाजार के लिए पॉजिटिव माना जा रहा है.
जुलाई की चुनौतियां: नतीजे और वैल्युएशन पर नजर
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी सामने हैं. जुलाई में रिजल्ट सीजन की शुरुआत होगी और यह बेहद जरूरी होगा कि कंपनियों के तिमाही नतीजे पिछली तिमाही से खराब न हों. अगर FIIs की ओर से अचानक बड़ी बिकवाली होती है या ब्लॉक डील, OFS और IPO की बाढ़ आती है, तो बाजार की तेजी थम सकती है. इसके अलावा निफ्टी और बैंक निफ्टी चार सीरीज की लगातार तेजी के बाद ओवरबॉट स्थिति में हैं. निफ्टी में पिछले चार सीरीज में 4000 अंकों की तेजी आ चुकी है, जिससे अब वैल्युएशन महंगे हो गए हैं.
जुलाई सीरीज का आउटलुक: पहले हाफ में मजबूती की उम्मीद
अनिल सिंहवी मानते हैं कि जुलाई सीरीज के पहले हाफ में मजबूती का ट्रेंड बना रह सकता है. निफ्टी का अगला टारगेट 25,800 से 26,000 की रेंज में देखा जा रहा है, जबकि बैंक निफ्टी 58,000 के पास पहुंच सकता है. अगर टैरिफ वॉर शांतिपूर्ण ढंग से निपट गया, तो तेजी और बढ़ सकती है. हालांकि, निफ्टी अगर 26,000-26,300 की रेंज में पहुंचता है तो थोड़ी रुकावट आ सकती है. तेजी को सुरक्षित बनाए रखने के लिए निफ्टी को 24,500 और बैंक निफ्टी को 55,250 के ऊपर बंद रहना जरूरी होगा.
क्या यह लगातार पांचवीं तेजी की सीरीज होगी?
पिछली चार सीरीज में निफ्टी और बैंक निफ्टी ने जबरदस्त तेजी दिखाई है. जून सीरीज में निफ्टी 715 अंक और बैंक निफ्टी 1660 अंक चढ़ा. FIIs की नेट इंडेक्स फ्यूचर्स में लॉन्ग पोजीशन 20% से बढ़कर 38% हो गई है, जो बाजार के प्रति उनके भरोसे को दिखाता है. जुलाई सीरीज का ऐतिहासिक ट्रैक रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है—पिछली 5 में से 3 और पिछली 10 में से 6 जुलाई सीरीज में तेजी दर्ज की गई है.
तेजी मिस कर दी तो अब क्या करें?
अगर निवेशक अब तक की तेजी में शामिल नहीं हो पाए हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है. बाजार में अभी भी अच्छे मौके हैं, खासतौर पर मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में. पुराने पोर्टफोलियो में जल्दबाजी में बिकवाली से बचना चाहिए और अगर प्रॉफिट बुक करना ही है तो निफ्टी के 26,000 के पास करना बेहतर रहेगा. नए निवेश के लिए मेटल, IT और फार्मा जैसे ग्लोबल सेक्टर्स पर फोकस करना चाहिए. गिरावट का फायदा उठाकर NBFCs, बैंक, डिफेंस और इंफ्रा स्टॉक्स में खरीदारी की जा सकती है. केमिकल, ऑटो एंसिलरी और टेक्सटाइल शेयरों में भी मजबूती बनी रह सकती है.
ग्लोबल संकेत भी मजबूत
अमेरिका में टैरिफ बढ़ोतरी की डेडलाइन 9 जुलाई है, लेकिन व्हाइट हाउस ने इसमें विस्तार के संकेत दिए हैं, जिससे बाजार को राहत मिल सकती है. डॉलर इंडेक्स लगातार पांचवें दिन गिरकर 97 के नीचे आ गया है, जो साढ़े तीन साल का निचला स्तर है. वहीं, अमेरिका की कंज्यूमर स्पेंडिंग भी Q1 में चार साल के निचले स्तर पर रही है.
US बॉन्ड यील्ड में गिरावट का सिलसिला जारी
10 साल की अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.25% के नीचे आ चुकी है और इसमें लगातार छह दिन की गिरावट दर्ज हुई है. इस महीने बॉन्ड यील्ड में अब तक 3.5% की गिरावट आई है, जो संकेत है कि ग्लोबल निवेशक जोखिम वाले एसेट्स की ओर लौट रहे हैं. यह सब संकेत जुलाई सीरीज के लिए सकारात्मक माहौल बना रहे हैं.
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