Muharram 2025 how to celebrate islamic new year know all about Hijri calendar 1447

Muharram 2025: भारत समेत कई देशों में 26 जून 2025 की शाम मुहर्रम का नया चांद देखा गया, जिसके बाद इस्लामिक नववर्ष की शुरुआत हो गई और सभी ने नए साल का स्वागत दिल खोलकर किया. आइये जानते हैं मुसलमानों को कैसे मनाना चाहिए इस्लामिक नया साल.

क्यों नहीं कहते ‘हैप्पी मुहर्रम’

नया चांद दिखते ही लोग एक दूसरे को इस्लामी नए साल की बधाई देते हैं. लेकिन काबिले गौर (ध्यान देने वाली बात) है कि. इस्लाम में नए साल में मुहर्रम मुबारक नहीं कहा जाता है, क्योंकि यह महीना शोक, बलिदान, जंग और कुर्बानी से जुड़ा है. यह माह हजरत इमाम हुसैन की पाकीजा शहादत की याद दिलाता है. इसलिए लोग मुहर्रम मुबारक नहीं कहते और ना ही पूरे महीने नए साल की बधाई का सिलसिला चलता है. लेकिन मुहर्रम महीने के शुरुआत तीन दिनों तक आप बधाई संदेश दे सकते हैं. बाद की तारीखों में मुबारकबाद देना मुनासिब नहीं समझा जाता है. बल्कि मुहर्रम महीने का पहला दिन आध्यात्मिक चिंतन और धार्मिक संकल्पों के लिए एक अवसर प्रदान करता है. 

इस्लामिक नए साल में बेवजह का धूमधड़ाका, पटाखे जलाना, आतिशबाजी करना, विभिन्न तरह के पकवान बनाना, नाच-गाना करना या बेवजह के फिजूल खर्च करना भी मुनासिब नहीं समझा जाता. बल्कि इस्लामिक नए साल पर अल्लाह की इबादत और फजल कर सकते हैं. गरीबों में दान कर पुण्य कमा सकते हैं और सवाब हासिल कर सकते हैं. इस तरह से अगर आप इस्लामिक नया साल मनाएंगे तो पूरे साल अल्लाह की नेमत आप पर बरसेगी.

नए साल पर मुसलमान करें ये काम

  • यतीमों (अनाथ बच्चे) की सच्चे दिल से मदद करें
  • बेबस, लाचार या बेसहारा लोगों की सहायता करें.
  • जरूरतमंदों या बेवाओं (विधवा) की मदद करें.
  • बिना शोरगुल या दिखावे के दान करें.
  • जुबान से चुप रहे और बेवजह ऐसी कोई बात न कहें, जिससे किसी की आह लगे.
  • बुजुर्गों का सम्मान करें और बीमार लोगों की मदद कर अपना फर्ज निभाएं.
  • अल्लाह की इबादत और नेकी के काम में समय बिताकर इस्लामी नए साल में खुश रहें.

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