Defence Stocks: नाटो देशों की योजना पर चहके निवेशक, HAL और BEL के शेयर रॉकेट – defence stocks hal bel share price jumps as nato agree to massive hike in defence spending nifty india defence rises 1 percent

Defence Stocks: 32 देशों के सैन्य गठबंधन नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) के सहयोगी देशों ने डिफेंस पर अपना खर्च बढ़ाने की योजना बनाई है। वर्ष 2035 तक ये देश जीडीपी का सालाना 5% डिफेंस सेक्टर पर खर्च करेंगे। नाटो की योजना का असर आज घरेलू स्टॉक मार्केट में भी दिखा और हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स(Bharat Electronics) जैसी दिग्गज डिफेंस कंपनियों के शेयरों पर निवेशक टूट पड़े और इनके शेयर करीब 2% तक उछल गए। 18 डिफेंस स्टॉक्स को ट्रैक करने वाला निफ्टी इंडिया इंडेक्स करीब 1% उछल गया।

कितना खर्च बढ़ाएगी NATO?

नाटो देशों की योजना वर्ष 2035 तक डिफेंस सेक्टर पर ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के 5% तक खर्च करने की योजना बनाई है। इसके लिए नाटो देशों के नेता सहमत हो गए हैं। अभी वे अपनी जीडीपी के करीब 2% तक डिफेंस सेक्टर पर खर्च करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कड़े दबाव पर नाटो देश डिफेंस सेक्टर पर वर्ष 2035 तक जीडीपी का सालाना 5% खर्च करने को राजी हो गए हैं और युद्ध की स्थिति में एक-दूसरे की सहायता करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

भारत में क्या है डिफेंस सेक्टर का हाल?

भारतीय डिफेंस कंपनियों का निर्यात वित्त वर्ष 2016 से 13 गुना बढ़ चुका है। प्राइवेट सेक्टर की बात करें तो इनका निर्यात तो 67 गुना बढ़ चुका है और घरेलू खरीदारी में हिस्सेदारी 75% तक पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2016-17 में प्राइवेट सेक्टर की डिफेंस एक्सपोर्ट में महज 13% हिस्सेदारी थी जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 62% हो गई। कुल निर्यात सालाना 46% की रफ्तार से बढ़त हुए वित्त वर्ष 2023-24 में ₹21,100 करोड़ तक पहुंच गया। मिसाइल, राडार, और आर्म्ड वेईकल्स जैसे प्रोडक्ट्स 85 से अधिक देशों को निर्यात किए गए। इनक्रेड इक्विटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब वित्त वर्ष 2028-29 तक डिफेंस एक्सपोर्ट को ₹5 लाख करोड़ तक ले जाने का है। यह वित्त वक्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2023-24 के बीच 32.5% की ग्रोथ पर आधारित है।

हालांकि अभी की बात करें तो ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक वैश्विक डिफेंस एक्सपोर्ट मार्केट में वर्ष 2020-24 के बीच भारत की महज 0.2% हिस्सेदारी रही। वहीं हथियारों का यह सबसे बड़ा आयातक है और 2019-23 में वैश्विक आयात में भारत की हिस्सेदारी 9.8% रही। भारत से अमेरिका, फ्रांस और अर्मेनिया में रडार सिस्टम, छोटे हथियार इत्यादि भेजे गए। हथियों के वैश्विक बाजार में अमेरिका की 43% और फ्रांस की 9.6% हिस्सेदारी है। इनक्रेड इक्विटीज का मानना है कि ‘मेक इन इंडिया’और बढ़ते घरेलू उत्पादन के जरिए भारत के लिए वैश्विक डिफेंस मार्केट में ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं।

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