Jagannath Rath Yatra 2025 benefit of touching rath Rope significance

जगन्नाथ जी की रथ यात्रा में तीन रथ शामिल होते हैं. इसमें लाल-पीले रंग का रथ जगन्नाथ जी का होता है. बलभद्र के रथ को लाल-हरे रंग से सजाया जाता है. वहीं सुभद्रा देवी का रथ लाल और काले रंग का होता है. इन रथ पर सवार होकर वे गुंडिचा मंदिर अपनी मौसी के घर जाते हैं.

जगन्नाथ जी की रथ यात्रा में तीन रथ शामिल होते हैं. इसमें लाल-पीले रंग का रथ जगन्नाथ जी का होता है. बलभद्र के रथ को लाल-हरे रंग से सजाया जाता है. वहीं सुभद्रा देवी का रथ लाल और काले रंग का होता है. इन रथ पर सवार होकर वे गुंडिचा मंदिर अपनी मौसी के घर जाते हैं.

धार्मिक मान्यता है कि रथ की रस्सी को पकड़कर खींचना भगवान जगन्नाथ की सेवा के समान है. इसे कोई भी आम श्रद्धालु छू सकता है. मान्यता है कि रथ की रस्सी को छूने या खींचने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

धार्मिक मान्यता है कि रथ की रस्सी को पकड़कर खींचना भगवान जगन्नाथ की सेवा के समान है. इसे कोई भी आम श्रद्धालु छू सकता है. मान्यता है कि रथ की रस्सी को छूने या खींचने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

कहते हैं कि जो जगन्नाथ रथ यात्रा में रस्सी को छूने का सौभाग्य पाता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं और वह जीवन-मरण के चक्री से मुक्ति हो जाता है. व्यक्ति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है ऐसी मान्यता है.

कहते हैं कि जो जगन्नाथ रथ यात्रा में रस्सी को छूने का सौभाग्य पाता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं और वह जीवन-मरण के चक्री से मुक्ति हो जाता है. व्यक्ति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है ऐसी मान्यता है.

जगन्नाथ जी की रस्सी को शंखचूड़ा नाड़ी, बलभद्र के रथ की रस्सी वासुकी और सुभद्रा देवी के रथ की रस्सी को स्वर्णचूड़ा नाड़ी कहा जाता है.

जगन्नाथ जी की रस्सी को शंखचूड़ा नाड़ी, बलभद्र के रथ की रस्सी वासुकी और सुभद्रा देवी के रथ की रस्सी को स्वर्णचूड़ा नाड़ी कहा जाता है.

इस साल रथ यात्रा का मुख्य आयोजन 27 जून को होगा, इसका समापन 5 जुलाई 2025 को होगा. इस अलौकिक दृश्य का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं.

इस साल रथ यात्रा का मुख्य आयोजन 27 जून को होगा, इसका समापन 5 जुलाई 2025 को होगा. इस अलौकिक दृश्य का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं.

जगन्नाथ रथ यात्रा में रथों का निर्माण नीम की लकड़ियों से बने होते हैं, इसलिए इन्हें खींचना आसाना होता है.

जगन्नाथ रथ यात्रा में रथों का निर्माण नीम की लकड़ियों से बने होते हैं, इसलिए इन्हें खींचना आसाना होता है.

Published at : 26 Jun 2025 07:00 AM (IST)

ऐस्ट्रो फोटो गैलरी

ऐस्ट्रो वेब स्टोरीज

Read More at www.abplive.com