Explainer: क्या है सीक्रेट ICBM प्रोजेक्ट? जो पाकिस्तान को बना देगा अमेरिका का दुश्मन!

Explained What is Secret ICBM project: अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान सीक्रेट तौर पर ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) विकसित कर रहा है, जो अमेरिका तक परमाणु हमला करने में सक्षम हो सकती है। यह रिपोर्ट प्रतिष्ठित अमेरिकी पत्रिका फॉरेन अफेयर्स में प्रकाशित हुई है और इसमें कहा गया है कि भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने चीन की मदद से अपने परमाणु कार्यक्रम को उन्नत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर 2024 में बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान के नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स (NDC) सहित चार संस्थानों पर प्रतिबंध लगाए, जिन्हें कथित रूप से लंबी दूरी की परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास से जोड़ा गया था।

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ICBM प्रोजेक्ट खतरनाक क्यों?

इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) को इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि ये 5500 किलोमीटर से दूर से भी किसी देश को निशाना बना सकती। परमाणु और पारंपरिक वारहेड से लैस होने के कारण इसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। पाकिस्तान इससे इनकार कर रहा है। हालांकि अगर यह दावा सच हुआ तो अमेरिका उसे ‘परमाणु दुश्मन’ घोषित कर देगा। अमेरिका का कहना है कि अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वाले देशों को मित्र राष्ट्र नहीं माना जा सकता। फिलहाल अमेरिका रूस, चीन और उत्तर कोरिया को परमाणु विरोधी देशों की सूची में रखता है।

पाकिस्तान की मिसाइलें छोटी और मध्यम दूरी की

अब तक पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम को भारत के खिलाफ प्रतिरोधक शक्ति बताता रहा है और उसकी मिसाइलें मुख्यतः छोटी और मध्यम दूरी की रही हैं। 2022 में उसने Shaheen-III मिसाइल का परीक्षण किया था, जिसकी रेंज करीब 2700 किलोमीटर है, जिससे भारत के अधिकांश क्षेत्र उसकी जद में आ गए थे, लेकिन ICBM की रेंज 5500 किलोमीटर से अधिक होती है, जिससे अमेरिका जैसे दूरस्थ देशों को भी निशाना बनाया जा सकता है।

पिछले साल भी अमेरिका ने दिखाई थी सख्ती

पिछले वर्ष अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम को लेकर सख्ती दिखाई थी। नेशनल डिवेलपमेंट कॉम्प्लेक्स (NDC) और उससे जुड़ी तीन संस्थाओं पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए थे। अमेरिका ने इन संस्थानों की संपत्तियां जब्त करते हुए अमेरिकी कंपनियों को इनके साथ व्यापार करने से रोक दिया था। अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, ये संस्थाएं मिसाइल निर्माण के लिए संवेदनशील तकनीकी सामान जुटाने की कोशिश कर रही थीं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का सदस्य नहीं है और उसके पास करीब 170 परमाणु हथियार माने जाते हैं। NPT का उद्देश्य परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना और परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है। लेकिन इस संधि से बाहर होने के चलते पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर वैश्विक निगरानी सीमित रहती है।

ICBM प्रोजेक्ट को लेकर अमेरिका बेहद गंभीर

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने चीन से मिसाइल और परमाणु तकनीक के लिए सहायता लेना शुरू कर दी है। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। खबरों के अनुसार पाकिस्तान ने इसके जवाब में Fatah-II हाइपरसोनिक मिसाइल लॉन्च की थी, जिसे भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। पाकिस्तान की संभावित ICBM परियोजना को अमेरिका बेहद गंभीरता से ले रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह परियोजना साकार होती है तो वाशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच कूटनीतिक संबंधों में नई दरार आ सकती है। साथ ही, यह अमेरिका को भारत-पाक तनाव में अधिक स्पष्ट रूप से भारत के पक्ष में खड़ा कर सकता है।

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