Ashadha Gupt Navratri 2025: 26 जून से 5 जुलाई तक चलने वाली आषाढ़ की नवरात्रि सिर्फ एक साधारण पर्व नहीं, बल्कि एक रहस्यमयी आध्यात्मिक प्रयोगकाल है. यह गुप्त नवरात्रि देवी साधना, तंत्र-जागरण और विशेष कृपा पाने का ऐसा अवसर है, जिसे जानकर भी बहुत लोग अनदेखा कर देते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं?
हर देवी को सिर्फ एक विशेष फूल पसंद होता है और अगर आप वही अर्पित करें, तो साधना कई गुना फलदायी हो सकती है. अगर गलत फूल चढ़ा दिए… तो देवी रुष्ट भी हो सकती हैं!
9 दिन – 9 फूल – 9 शक्तिशाली रहस्य
- पहला दिन: मां शैलपुत्री-गुड़हल (लाल हिबिस्कस)
शक्ति का स्रोत: इस दिन लाल गुड़हल चढ़ाने से आत्मबल, साहस और मनोबल बढ़ता है. - दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी – सफेद ब्राह्मी / गुलदाऊदी
तप और संयम की देवी: इन फूलों से चित्त की एकाग्रता और ज्ञान की प्रबलता आती है. - तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा – गुलाबी कमल
करुणा और वीरता का संगम: गुलाबी कमल सौंदर्य और आत्मविश्वास का संचार करता है. - चौथा दिन: मां कूष्मांडा – चमेली / अशोक / सफेद कमल
जीवन ऊर्जा की स्त्रोत देवी: ये फूल रोग नाश और मानसिक शांति के लिए अर्पित करें. - पांचवां दिन: मां स्कंदमाता – गुलाब
संतान सुख और मातृत्व की रक्षा: गुलाब प्रेम और वात्सल्य का प्रतीक है. - छठा दिन: मां कात्यायनी – गेंदा / कनेर
शत्रुनाशिनी: ये फूल साहस, सुरक्षा और न्याय के लिए चढ़ाए जाते हैं. - सातवां दिन: मां कालरात्रि – कृष्णकमल / अपराजिता / लाल जवा
भय का संहार: इन तीव्र ऊर्जा वाले फूलों से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं. - आठवां दिन: मां महागौरी – मालती / मोगरा
शुद्धता और शांत सौंदर्य की देवी: ये फूल जीवन में माधुर्य और सौम्यता लाते हैं. - नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री – पारिजात / पलाश / चंपा
सिद्धियों और वरदानों की देवी: इन फूलों से इच्छाएँ पूर्ण होती हैं, जीवन में पूर्णता आती है.
गुप्त नवरात्रि का रहस्य, क्यों ये समय आम नवरात्रियों से अलग है?
यह समय केवल देवी की पूजा का नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण और ऊर्जा विस्तार का काल है. जो पूजा आमतौर पर वर्षभर फल नहीं देती, वह गुप्त नवरात्रि में तीव्र फल देती है.इस दौरान मौन, मंत्र और पुष्प अर्पण, तीनों को सामूहिक रूप से करना अत्यंत प्रभावशाली होता है.
पूजा विधि (संक्षेप में)
- सुबह स्नान के बाद देवी के उस दिन के स्वरूप का ध्यान करें
- उनका प्रिय फूल और दीप अर्पित करें
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे- मंत्र का 108 बार जप करें
- पंचामृत, मिश्री या फल का भोग लगाएं
FAQ
Q1. क्या गुप्त नवरात्रि में आम गृहस्थ भी साधना कर सकते हैं?
हां, संयमपूर्वक और शुद्ध श्रद्धा से करें. केवल तांत्रिक प्रक्रिया से दूर रहें.
Q2. क्या हर देवी के लिए अलग फूल अनिवार्य है?
नहीं, परंतु प्रिय फूल से पूजा करने पर देवी की कृपा शीघ्र और पूर्ण मिलती है.
Q3. क्या इस नवरात्रि में कन्या पूजन आवश्यक है?
परंपरागत रूप से नहीं, लेकिन नवमी को किया जाए तो विशेष पुण्य मिलता है.
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