ईरान से सुरक्षित वापस लौटे लोग हुए भावुक, बोले- सरकार के हम आभारी, अपना देश अपना ही है – People who returned safely from Iran became emotional, said

ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत सरकार अबतक ईरान से 292 भारतीय नागरिकों को आज सुबह 3:30 बजे मशहद से नई दिल्ली लेकर पहुंचे हैं। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट किया कि अब तक 2295 भारतीय नागरिकों को ईरान से भारत लाया जा चुका है। भारत आए लोगों ने सरकार का धन्यवाद कर अपनी भावनाएं जाहिर की। इसमें कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने देश वापस आकर राहत की सांस ली।

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ईरान से निकाली गईं नागपुर की जीवा जाफरी कहती हैं कि हम बहुत आभारी हैं, बहुत खुश हैं। काफी अच्छा लग रहा है। हमारी फ्लाइट 19 जून के लिए फिक्स थी, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया। हम काफी परेशान थे, लेकिन भारत आकर हमें राहत मिली है।

वहीं, ईरान से निकाले गए जम्मू-कश्मीर के फैज ने बताया कि भारत वापस आकर बहुत अच्छा लग रहा है और हमें खुशी है कि अब हम घर लौट रहे हैं।

ईरान से निकाली गई पंजाब की बलजिंदर कौर ने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है। अपना देश अपना ही है, लेकिन वहां भी (ईरान में) हमें कभी कोई परेशानी नहीं हुई। पिछले कुछ दिनों में हालात बदल गए हैं। वरना हम वहां भी सेफ हैं। मैं 21 साल से वहां रह रही हूं और हिंदी टीचर के तौर पर काम करती हूं।

यह गर्व की बात है कि जब भी देश या उसके नागरिक मुश्किल में पड़ते हैं, तो सरकार उनके साथ खड़ी होती है। इसलिए हम उनके आभारी हैं। हम राजदूत और दूतावास के कर्मचारियों के आभारी हैं जिन्होंने हमें सेफली यहां लेकर आए हैं।

जम्मू-कश्मीर के सरमद फैजान ने बताया कि मैं करीब 10 महीने ईरान में था। हमारे एग्जाम चल रहे थे, लेकिन यह सब हो गया। मुझे जुलाई में घर वापस आना था और मैंने अपनी टिकट बुक कर ली थीं। लेकिन उड़ानों की आवाजाही कैंसिल हो गई। मैं करमान में था, जहां हालात स्थिर है।

कुल मिलाकर ईरान में स्थिती ऐसी है कि कुछ कह नहीं सकते हैं। ऑपरेशन सिंधु को लेकर सरमद फैजान ने बताया कि आवास से लेकर बाकी सभी चीजें वाकई अच्छी थीं। हमें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। हम आराम से भारत आ गए।

ऑपरेशन सिंधु के तहत, 161 यात्रियों को लेकर इजराइल से पहली उड़ान आज नई दिल्ली पहुंची। उन्हें लैंड बॉर्डर के रास्ते जॉर्डन ले जाया गया और फिर विमान से निकाला गया। इसी में सवार एक शरणार्थी अरविंद शुक्ला ने बताया कि मैं इज़राइल से यहां आ रहा हूं। हमारी फ्लाइट जॉर्डन से उड़ी थी। मैं पिछले साल सितंबर में वहां गया था। वहां की स्थिति अच्छी नहीं थी। काफी डर का माहौल था। हम एक हॉस्टल में रह रहे थे। हम सारी रात सायरन सुनते थे और बंकरों की ओर भागते थे। अन्य जगहों के मुकाबले में, जहां मैं था, वहां थोड़ा बहुत सही था। मैं यरुशलम में था। हम भारत सरकार के बहुत आभारी हैं जिनकी मदद से वहां से निकल पाएं। हमें खाना, पानी और सभी सुविधाएं दी गईं।

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