wing commander vyomika singh said to punjab Lovely Professional University Students Make your own life decisions

Wing Commander Vyomika Singh News: पंजाब के फगवाड़ा में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने छात्रों को प्रेरित किया और उन्हें निडरता से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. व्योमिका सिंह ने ‘लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी’ ( LPU) में शनिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उनका जीवन आसान नहीं रहा है, फिर भी लक्ष्य और साहस ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

एलपीयू की ओर से जारी बयान के अनुसार सिंह ने कहा, ‘‘चाहे आप कुछ भी बनना चाहते हों, चाहे वह चित्रकार हो, अभिनेता हो या पायलट, अपनी जिंदगी के फैसले खुद लो किसी और को अपनी राह तय मत करने दो.’’

पिछले महीने विदेश सचिव विक्रम मिसरी और कर्नल सोफिया कुरैशी की मौजूदगी में विंग कमांडर सिंह ने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में देश को जानकारी दी थी. उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह ‘‘वह धन है जो आपको मजबूत बने रहने और नेतृत्व करने की शक्ति देता है.’’

विंग कमांडर व्योमिका सिंह का सफर

बता दें कि भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर की बेहतरीन पायलट विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के लक्षित हमलों के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग का नेतृत्व किया था. विंग कमांडर व्योमिका सिंह सबसे पहले राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) में शामिल हुईं. अपने परिवार से सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली वह पहली व्यक्ति हैं.

विंग कमांडर व्योमिका सिंह को भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन मिला है. साल 2019 में फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला. उन्हें 2,500 से अधिक घंटों की उड़ान का अनुभव है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित कुछ सबसे कठिन इलाकों में चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों का संचालन किया है. उन्होंने कई बचाव अभियानों में अहम भूमिका निभाई.

उनके नेतृत्व में किए गए प्रमुख अभियानों में से एक नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में था. ये ऑपरेशन उच्च ऊंचाई, कठिन मौसम और दूरदराज के स्थानों पर किए गए थे, जहां जान बचाने के लिए हवाई सहायता बहुत जरूरी है. 2021 में, वह माउंट मणिरंग पर तीनों सेनाओं के सभी महिला पर्वतारोहण अभियान में शामिल हुईं, जो 21,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस प्रयास को वायु सेना प्रमुख सहित वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने मान्यता दी थी.

Read More at www.abplive.com