क्या इसलिए ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की थी…ओवैसी ने पाकिस्तान को जमकर लगाई फटकार

नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। इन सबके बीच युद्ध में अमेरिका की भी एंट्री हो गयी है। इन सबके बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान आया है। उन्होंने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप और उन्हें नोबल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश करने वाले पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है।

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ओवैसी ने कहा कि, क्या पाकिस्तान ने ट्रंप को इसलिए शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की थी। क्या इसीलिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ लंच किया था? आज वे सभी बेनकाब हो गए हैं। दरअसल, इजरायल और ईरन के बीच चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका की एंट्री ने भूचाल ला दिया है। दरअसल, ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल ने हमले किए थे लेकिन परमाणु ठिकानों को भूमिगत रहने के कारण उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। युद्ध में अमेरिका की एंट्री होने के बाद उसने अपने सबसे खास हथियारों में से एक बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से 30,000 पाउंड के मैसिव ओर्डिनेंस पेनिट्रेटर या बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया, जो जमीन के भीतर भी भारी तबाही मचाने की ताकत रखते हैं। इस दौरान अमेरिका ने तीन प्रमुख ईरानी परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फाहान को निशाना बनाया।

बता दें कि, 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए पाकिस्तान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के नाम की सिफारिश करने वाला है। उसका कहना है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान ट्रंप के कूटनीतिक दखल और मध्यस्थता ने बड़े युद्ध को टालने में मदद की। यह आधिकारिक एलान ट्रंप के व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की मेजबानी के तीन दिन बाद किया गया।

 

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