ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने को तबाह क्यों करना चाहता है अमेरिका? बॉम्बर से गिराए 6 बंकर बस्टर बम

Why Fordow Nuclear Site Targets: अमेरिका ने ईरान पर हमला कर दिया है। अमेरिका की सेना ने बीती रात ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर बमबारी की। अमेरिकी वायुसेना के B-2 स्पिरिटी बॉम्बर से बंकर बस्टर बम ईरान के परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर गिराए। अमेरिका ने सबसे बड़ा हमला फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर किया है। 6 बंकर बस्टर बम गिराकर फोर्डो के 6 बंकर ध्वस्त कर दिए गए हैं। एस्फाहान और नतांज न्यूक्लियर साइट पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी गई हैं। इन मिसाइलों को अमेरिकी सेना ने 400 मील दूर तैनात की गई पनडुब्बियों से लॉन्च किया था।

अमेरिका ही कर सकता है ठिकाने को बर्बाद

अमेरिका का मेन टारगेट ही ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट को ध्वस्त करना है, लेकिन क्यों? कहा जा रहा है कि ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट को तबाह करना आसान नहीं है। इस पर सिर्फ अमेरिका ही हमला कर सकता है। अमेरिका ही इस परमाणु ठिकाने को तहस नहस कर सकता है। इसके लिए अमेरिका के पास दुनिया का सबसे खतरनाक B-2 स्पिरिट बॉम्बर और सबसे पावरफुल बम बंकर बस्टर बम है। अमेरिका ने इसी बॉम्बर से बीती रात फोर्डो पर बंकर बस्टर बम गिराए और इसके 6 बंकर ध्वस्त कर दिए। आखिर फोर्डो न्यूक्लियर साइट ही अमेरिका का टारगेट क्यों?

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कितनी गहराई में बनी है न्यूक्लियर साइट?

अमेरिका का टारगेट ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट है। इजरायल का टारगेट भी ईरान के इस परमाणु ठिकाने को पूरी तरह तबाह करना है, लेकिन इजरायल के लिए ऐसा करना आसान नहीं था। अमेरिका इस परमाणु ठिकाने का नामोनिशान मिटा सकता है, क्योंकि फोर्डो परमाणु ठिकाना एक पहाड़ी के 295 फीट (90 मीटर) की गहराई में बना है। इस ठिकाने की बनावट ऐसी है कि इस तक पहुंचना आसान नहीं है। इसकी लोकेशन भी ट्रेस करनी आसान नहीं है। इस तक पहुंचने का रास्ता 5 सुरंगों को काटकर बनाया गया है। इस तक पहुंचने का रास्ता, इसके बंकर और मेन साइट सबकुछ पहाड़ी के अंदर ही बना है। फोर्डो परमाणु ठिकाने का कंट्रोल परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) के हाथ में है। इसमें यूरेनियम प्यूरिफिकेशन किया जाता है।

अमेरिका कौन-सा बम गिरा रहा साइट पर?

फोर्डो परमाणु ठिकाने पर अमेरिका अपने B-2 स्पिरिट बॉम्बर से दुनिया का सबसे शक्तिशाली बम GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बंकर बस्टर बम गिरा सकता है। यह बम 300 मीटर की गहराई तक जाकर हमला का सकता है। यह बम अंदर जाकर खुद एक्टिवेट हो जाता है और फटकर पूरे ठिकाने को ध्वस्त कर सकता है। यह बम और इसे गिराने वाला बॉम्बर सिर्फ अमेरिका के पास है, इसलिए सिर्फ अमेरिका ही इस परमाणु ठिकाने को तबाह करने की ताकत रखता है।

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हवाई हमलों से बचाने के लिए किया गया डिजाइन

  • डिजाइन: फोर्डो एक पहाड़ के नीचे 80-90 मीटर गहराई में बनी है, जिसे हवाई हमलों से तबाह करना लगभग नामुमकिन है। यह लगभग 54,000 वर्ग फीट में फैली है और इसमें दो संवर्धन हॉल हैं।
  • सेंटीफ्यूजन: इसमें लगभग 3,000 IR-1 सेंट्रीफ्यूज हैं, जिनमें से 1,044 JCPOA का इस्तेमाल आइसोटोप उत्पादन के लिए किया जाता हैं। 2024 तक, ईरान ने IR-6 सेंट्रीफ्यूज की संख्या बढ़ाई है।
  • संवर्धन: 2012 में, फोर्डो ने मेडिकल के लिए 20% तक कन्वर्टेड यूरेनियम का उत्पादन शुरू किया। मार्च 2023 में, IAEA ने 83.7% शुद्धता वाला यूरेनियम बनाया, जो परमाणु हथियार (90%) बनाने में सक्षम है ।
  • सुरक्षा: यहां रूसी S-300 मिसाइल सेफ्टी सिस्टम 2016 में तैनात किया गया।

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