Market View: जियोपॉलिटिक टेंशन ने बढ़ाया बाजार में वौलेटिलिटी, हेल्थकेयर, ऑटो सेक्टर में निवेश के मौके – market view geopolitical tension increased volatility in the market investment opportunities in healthcare and auto sectors

Market View:  अमेरिका के मौहलत के बाद बाजार में तेजी का माहौल रहा। कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन बाजार का जोश हाई रहा।सेंसेक्स, निफ्टी शानदार बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 1046 प्वाइंट चढ़कर 82408 पर बंद हुआ तो निफ्टी 319 प्वाइंट की छलांग लगाते हुए 25112 पर क्लोज हुआ। ऐसे में बाजार की आगे की चाल और बड़ौदा बीएनपी परिबास लार्ज कैप (Baroda BNP Paribas Large Fund) पर बात करते हुए बड़ौदा बीएनपी पारिबा एमएफ सीनियर फंड मैनेजर- इक्विटी जितेंद्र श्रीराम ने कहा कि इस साल बाजार में काफी उथल-पुथल देखने को मिला। जियो-पॉलिटिक्स इश्यूज का असर देखने को मिला। नॉर्थ-वेस्टर्न बॉर्डर के साथ मिडिल ईस्ट पर भी टेंशन देखने को मिला। पिछले साल के कंपेयर इस साल ग्रोथ बेहतर रहा। RBI पॉलिसी का भी असर आगे दिखेगा। हर चीज का रिसेट होने में 3 से 6 महीने लगते हैं। लार्जकैप फंड्स को लेकर पॉजिटिव संकेत मिल रहे है ।

उन्होंने आगे कहा कि लार्जकैप के वैल्यूएशन थोड़े किफायती है। मिड और स्मॉलकैप के वैल्यूएशन अभी भी महंगे है। स्मॉल-मिड कैप के मुकाबले लार्जकैप ज्‍यादा स्‍टेबल नजर आ रहा है । लार्जकैप में निवेश से स्टेबिलिटी का फायदा मिलेगा। कंजर्वेटिव निवेशकों के लिए बेस्ट रहेगा। मिड-स्मॉल स्पेस में भी थोड़ा एक्सपोजर रखें।

बड़ौदा बीएनपी परिबास लार्ज कैप पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि टॉप 100 स्टॉक्स में 80% तक का एक्सपोजर है । 10% मिड-स्मॉलकैप में एक्सपोजर है। लार्जकैप फंड्स में कम जोखिम होता है। सही सेक्टर में वेटेज सही जरूरी है। फंड के परफॉर्मेंस के आधार पर एलोकेशन होता है। बड़ी कंपनियां में लिक्विडिटी ज्यादा है। एंट्री- एग्जिट भी आसान, टर्नओवर ज्यादा है। सेक्टर सेलेक्शन की स्ट्रैटेजी पर बा करते हुए उन्होंने कहा कि वेटेज ट्रैकिंग जरूरी होता है। मार्केट ग्रोथ और सेक्टर पोजिशनिंग, बाजार की ग्रोथ की नजर और सेक्टर लीडिंग ग्रोथ की स्ट्रैटेजी पर फोकस करने वाले सेक्टर में निवेश किया जाता है।

इन सेक्टर में करें फोकस? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश के मौके है। यूटिलिटी, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी में हमारा फोकस है। ऑटो सेक्टर में ओवरवेट नजरिया है। बैंक और फाइनेंशियल में न्यूट्रल है जबकि कैमिकल, मेटल स्पेस में अंडरवेट नजरिया बना हुआ है।

हेल्थकेयर सेक्टर पर अपनी राय देते हुए उन्होंने कहा कि डोमेस्टिक फार्मा सेक्टर पर फोकस होता है। सेक्टर को सरकारी योजनाओं का फायदा मिलेगा। आयुष्मान भारत, हेल्थ बीमा स्कीम का फायदा मिलेगा। इंटरनेशनल फार्मा एक्सपोर्ट में ग्रोथ अच्छी देखने को मिल रही है। भारत 40-45% मेडिसिन सप्लाई करता है। एक्सपोर्ट ओरिएंटेड फार्मा कंपनियां बढ़िया हैं। हॉस्पिटल चेन और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर स्पेस सही है। ऑर्गनाइज्ड हॉस्पिटल्स में निवेश बढ़िया है ।

वहीं बैंकिंग और आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में पहले अंडरवेट थे, अभी न्यूट्रल पोजिशन बनाई है। नॉमिनल GDP में स्लोडाउन का अनुमान लगाया। ब्याज दरें घटने से NIM में प्रेशर देखने को मिल सकता है। वहीं IT सेक्टर पर टैरिफ का बहुत असर नहीं हुआ। ग्लोबल स्लोडाउन का असर हो सकता है।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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