bhadra mein shaadi ka dosh aur uske asubh parinam not get married Vishti Karan

Bhadra Kaal not to get married: हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में विवाह को बेहद पवित्र संस्कार माना जाता है.

शुभ मुहूर्त में शादी करने से पति-पत्नी के बीच हमेशा प्यार बरकरार रहता है.

ऐसे में जो लोग अशुभ मुहूर्त में शादी करते हैं, उनकी शादीशुदा लाइफ दिक्कतों से भरी होती है.

इन्हीं में से एक अशुभ काल या मुहूर्त जिसे ‘भद्रा’ कहा जाता है.

ज्योतिष शास्त्र में किसी भी शुभ काम को भद्रा में करने की मनाही होती है.

भद्रा काल में किसी भी तरह की यात्रा, विवाह या कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए.

भद्राकाल का पुराणों में उल्लेख
भद्रा का उल्लेख विष्णु धर्मोत्तर पुराण, नारद पुराण और बृहद संहिता जैसे ग्रंथों में भी देखने को मिलता है.

हिंदू धर्म के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य की बेटी और शनिदेव की बहन है.

भद्रा का स्वभाव उग्र और क्रूर होता है. ऐसे में जब भद्रा काल सक्रिय हो तो उस दौरान किए गए शुभ कार्य भी विफल हो जाते हैं.

नारद पुराण में भद्रा को लेकर उल्लेख करते हुए कहा गया है कि, ‘भद्रा समय विवाहे च गृह प्रवेश च यात्रायां च वर्जयेत्’ जिसका अर्थ, भद्रा काल में शादी, किसी भी नए घर में प्रवेश या कोई भी शुभ काम करने उसका परिणाम प्रतिकूल हो सकता है. 

भद्राकाल में शादी करने से क्या होता है?
विवाह करने से पहले हमेशा लड़का और लड़की की कुंडली मिलाई जाती है.

कुंडली इसलिए मिलाई जाती है, ताकि दोनों के गुण, नाड़ी दोष और मांगलिक दोष की जांच की जा सके. लेकिन कई बार ये सब करने के बाद भी वैवाहिक जीवन अशांत और कष्टमय साबित हो सकता है.

इसका सबसे बड़ा कारण जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, वो है भद्रकाल. 

भद्रा जिसे विष्टि करण भी कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार ये समय किसी भी शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है.

पुराणों में भद्रा को लेकर उल्लेख किया गया है कि इस मुहूर्त में विवाह करने से शादीशुदा जीवन में कलह-क्लेश, रोग, दरिद्रता और संतानहीन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

जिन भी लोगों ने भद्रा काल में विवाह किया है, उनका घर या तो उजड़ गया या फिर शादीशुदा जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है. 

शादी करने से पहले ज्योतिषाचार्य की ले सलाह
ऐसे में शादी या कोई भी शुभ काम करने जाए तो इस बात का विशेष ध्यान दे कि शादी का मुहूर्त भद्रा काल में न पड़े.

शादी जैसे पवित्र बंधन को सफल और सुखमय बनाने के लिए ज्योतिषाचार्य से शुभ मुहूर्त जरूर निकलवाए.

अन्यथा अनजाने में किसी भी गलत मुहूर्त में शादी करने का निर्णय आपके वैवाहिक जीवन को कष्टकारी बना सकता है.
भद्रा काल में विवाह करने से सभी तरह के दोषों का सामना करना पड़ सकता है. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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