AI in Stock Market: अब कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग केवल तकनीकी कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शेयर बाजार में भी इसका प्रभाव बढ़ने जा रहा है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शुक्रवार को एक बड़ा प्रस्ताव पेश किया, जिसमें शेयर बाजारों में एआई और एमएल के जिम्मेदार उपयोग के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों की रूपरेखा साझा की गई है.
सेबी ने क्या कहा?
सेबी का मानना है कि तकनीक के इस नए युग में एआई और एमएल का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो इससे न केवल निवेशकों को लाभ मिलेगा, बल्कि पूरे बाजार की पारदर्शिता और सुरक्षा भी मजबूत होगी. परंतु इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि इन तकनीकों के दुरुपयोग से बचा जाए, क्योंकि इनसे जुड़े कुछ जोखिम बाजार की स्थिरता और निवेशकों के हितों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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फिलहाल बाजार के बड़े सहभागी जैसे कि ब्रोकरेज, रिसर्च हाउस और फंड मैनेजर एआई और एमएल का उपयोग मुख्य रूप से रिस्क मैनेजमेंट, ग्राहक की पहचान, रुझान पहचानने, साइबर सुरक्षा, और आंतरिक अनुपालन जैसे कार्यों में कर रहे हैं. सेबी अब चाहता है कि इन तकनीकों का इस्तेमाल और भी जिम्मेदारी से किया जाए और इसमें स्पष्ट नीति बनाई जाए.
लेटर में इन बातों का हुआ जिक्र
सेबी ने अपने परामर्श पत्र (consultation paper) में कहा कि इन मार्गदर्शक सिद्धांतों का उद्देश्य एआई/एमएल आधारित अनुप्रयोगों के माध्यम से निवेशक सुरक्षा, बाजार की अखंडता और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना है. साथ ही, यह भी बताया गया कि अगर एआई/एमएल का उपयोग किसी वाणिज्यिक लाभ से अलग, सीधे ग्राहक को प्रभावित करने वाले कार्यों में किया जाता है, तो ऐसे मामलों में ‘नियामकीय रूप से हल्का’ ढांचा अपनाया जा सकता है.
सेबी के अनुसार, एआई और एमएल का लाभ यह है कि ये कार्यों को तेज, सटीक और कुशल बना सकते हैं. लेकिन इसके साथ जोखिम यह है कि अगर इनका नियंत्रण नहीं हुआ तो इनसे ऐसे निर्णय लिए जा सकते हैं जो निवेशकों को भ्रमित करें या बाजार में अनिश्चितता पैदा करें. इसलिए सेबी ने इस पर विचार करने के लिए एक कार्य समूह भी गठित किया था, जिसने भारत और वैश्विक स्तर पर मौजूदा नियमों का अध्ययन किया और इन दिशा-निर्देशों की सिफारिश की.
11 जुलाई तय हुई तारीख
सेबी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस पर अंतिम निर्णय लेने से पहले 11 जुलाई तक सभी हितधारकों, कंपनियों और आम जनता से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि नीति बनाते समय सबकी भागीदारी और पारदर्शिता बनी रहे. इस तरह, भारत का शेयर बाजार अब केवल आंकड़ों और अनुमान पर नहीं, बल्कि स्मार्ट टेक्नोलॉजी की मदद से और भी सक्षम, सुरक्षित और तेज बनने की दिशा में बढ़ रहा है. यदि इन दिशा-निर्देशों को सही तरह से अपनाया गया, तो निवेशकों का भरोसा और भी मजबूत हो सकता है.
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