Rare Earth Minerals : इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी बना बड़ा खतरा, सिर्फ 1 महीने की सप्लाई बची – rare earth magnets shortage of rare earth magnets poses a big threat to the electronics industry only 1 months supply left

Rare Earth Minerals : रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी से ऑटो इंडस्ट्री ही नहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री भी प्रभावित हो सकती है। रेयर अर्थ मैग्नेट का इस्तेमाल स्पीकर बनाने के लिए होता है। अब होम थिएटर, हेडफोन, ईयर बड्स और TV जैसे उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। चीन के रेयर अर्थ मेगनेट के निर्यात पर रोक लगाने के बाद आटो इंडस्ट्री के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर भी चिंता में है। ये इंडस्ट्री काफी हद तक रेयर अर्थ मेगनेट पर निर्भर रहती है। इलेक्ट्रिक मोटर और सेंसर जैसे डिवाइस में भी इसका इस्तेमाल होता है। इन चीजों के बिल्ट ऑन मैटेरियल लागत का 5-7 फीसदी तक हिस्सा रेयर अर्थ मैग्नेट का होता है। जानकारों के मुताबिक इससे इससे इनकी कीमतों पर भी असर पड़ सकता है।

गौरतलब है कि करीब 95 फीसदी रेयर अर्थ मेगनेट का आयात चीन से होता है। अभी तक चीन ने मैग्नेट निर्यात करने पर पर कोई फैसला नहीं लिया है। दूसरे देशों से आयत करने पर यह महंगा हो सकता है। घरेलू उत्पान को से बढ़ावा देने के लिए सरकार इंसेंटिव स्कीम लाने की तैयारी कर रही है। लेकिन उत्पादन बढ़ाने में वक्त लग सकता है। जानकार मानते है कि ऐसे में सरकार को दूसरे विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए। रेयर अर्थ मेगनेट की कमी के चलते ऑटो कंपनियां उत्पादन टाल रही है। उनके पास सिर्फ जुलाई तक की सप्लाई बची है। अगर मामला लंबा खींचता है तो इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है।

इस बीच खबर आई है कि सरकार देश में रेयर अर्थ मैग्नेट उत्पादन बढ़ाने के लिए खास इंसेंटिव स्कीम ला सकती है। इसको लेकर सरकार ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। सरकार रेयर अर्थ मैग्नेट प्रोडक्शन के लिए 5,000 करोड़ रुपए की खास इन्सेंटिव स्कीम ला सकती है। यह स्कीम 3 साल के लिए हो सकती है। इस योजना को सरकार से 2 हफ्ते में मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस स्कीम के तरह रिवर्स ऑक्शन के जरिए इन्सेंटिव्स दिए जाएंगे। सरकार का देश में रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन बढ़ाने पर फोकस है। चीन पर निर्भरता कम करने के लिए ये फैसला संभव है। भारत में करीब 6.9 मिलियन टन रेयर अर्थ मिनरल का भंडार है।

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