लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर सीजन में कई विभागों में तबादला सेशन ‘जीरो’ कर दिया गया, जबकि स्टांप व रजिस्ट्रेशन विभाग में हुए तबादलों को निरस्त कर दिया गया। इसके साथ ही कई अन्य विभागों में हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दल के नेता इसको लेकर योगी सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। अब बसपा सुप्रीमो मायावती का बयान आया है। उन्होंने कहा कि, एसआईटी का गठन करके व्यवस्था में आवश्यक सुधार करना जरूरी।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, देश के अधिकतर प्रदेशों की तरह यूपी में भी हर स्तर पर सरकारी कार्यकलापों के साथ ही विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार और हिस्सेदारी के आरोपों से घिरे तबादलों की अनवरत आम चर्चा व ख़बरों का मुख्यमंत्री को कड़ा संज्ञान लेकर ना सिर्फ भ्रष्टाचार निरोधक विजिलेन्स विभाग आदि को सक्रिय करना बल्कि समयबद्ध एसआईटी का भी गठन करके व्यवस्था में आवश्यक सुधार करना जन व देशहित में ज़रूरी है। सरकारी भ्रष्टाचार व अफसरों की द्वेषपूर्ण मनमानी पर यूपी सीएम जितना जल्द सख़्त क़दम उठाए उतना बेहतर।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर सीजन के दौरान कई विभागों में हुए ट्रांसफर पर सवाल उठ रहे हैं, जबकि कई विभागों में ट्रांसफर को लेकर मंत्रियों और विभाग के प्रमुख सचिव के बीच खींचतान देखने को मिली है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिकायत के बाद स्टांप व रजिस्ट्रेशन विभाग के तबादले को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही देर रात बड़ी कार्रवाई भी की।
दो अफसरों को पद से हटाया
तबादला सत्र में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के चलते योगी सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए दो वरिष्ठ अफसरों को पद से हटा दिया है। आईजी स्टाम्प समीर वर्मा को हटाकर वेटिंग लिस्ट में डाला गया है। अब प्रमुख सचिव अमित गुप्ता को आईजी स्टाम्प का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
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