जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के लंच पर प्रतिक्रिया दी. सीएम ने कहा कि हम यह तय नहीं कर सकता कि अमेरिका किसे डिनर पर बुलाए. उन्होंने कहा कि हमें लगा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति हमारे मित्र हैं, लेकिन अमेरिका अपने फायदों को ऊपर रखता है. वहीं ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी.
‘अमेरिका को केवल अपने फायदे की परवाह’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हम क्या उसको कह सकते हैं कि आप किसको खाने पर बुलाओगे, किसको नहीं बुलाओगे? वो दूसरी बात है कि हमें लग रहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति हमारे बहुत खास दोस्त हैं और हमारी दोस्ती का वो ख्याल रखेंगे. लेकिन जाहिर सी बात है कि अमेरिका वो करती है जो अमेरिका के फायदे के लिए है. उनको और किसी मुल्क के फायदे की परवाह नहीं है.”
#WATCH | Srinagar | J&K CM Omar Abdullah says, “We can’t dictate to the US President whom he should invite for dinner. We used to think the US President was our close friend, and he would respect that, but the US does what benefits it…” pic.twitter.com/ogOjLaXTPE
— ANI (@ANI) June 20, 2025
‘ईरान में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी’
सीएम उमर अब्दुल्ला ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों, खासकर जम्मू-कश्मीर के छात्रों की वापसी को लेकर चल रहे प्रयासों की जानकारी दी. उन्होंने कहा, “रातों-रात तो हम उनको निकाल नहीं सकते क्योंकि कोई हवाई अड्डा खुला नहीं है, कोई पोर्ट खुला नहीं है. उनको हम बाय रोड पहले उन शहरों में ला रहे हैं जहां बमबारी नहीं है. फिर वहां से आर्मेनिया के जरिए उनको वापस लाने का काम किया जा रहा है. आज उम्मीद है कि 300 या 400 के आसपास स्टूडेंट्स और आ रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर हिस्सा जम्मू-कश्मीर के स्टूडेंट्स का है. उनको सही सलामत हम घर वापस ले आएंगे.”
उपराज्यपाल की भूमिका पर क्या बोले
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल पर उन्होंने कहा, “मैंने ये कभी नहीं कहा कि एलजी के पास सारे पावर हैं. आप जम्मू-कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट देखिए. एलजी ने खुद कहा कि उनकी जिम्मेदारी जो है सिर्फ सिक्योरिटी एंड लॉ एंड ऑर्डर तक है. इसलिए मैं कहता हूं ना बिजनेस रूल्स कैबिनेट ने मंजूर किए हैं उनको एलजी साहब दस्तखत करके वापस दें ताकि यहां कोई कन्फ्यूजन ना रहे. हम खुद कहते हैं कि एलजी साहब की सिर्फ एक जिम्मेदारी है. वो जम्मू-कश्मीर के लोगों को सुरक्षित करें, यहां की सिक्योरिटी का इंतजाम ठीक करें. बाकी जिम्मेदारी हमारी है.”
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