भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक और NBFCs की प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के नियम आसान कर दिये हैं। आरबीआई के नये फैसले के तहत अब अंडरकंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के लिए एक परसेंट की प्रोविजनिंग करनी होगी। पिछले साल मई के ड्रॉफ्ट में 5% प्रोविजनिंग का प्रस्ताव दिया गया था। प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के नियम आसान किया जाने REC, PFC और IREDA के लिए पॉजिटिव खबर है। इसकी वजह से आज बाजार में REC, PFC और IREDA के शेयर फोकस में रहेंगे। आरबीआई द्वारा प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के नियम आसान किये जाने के बाद इस सेक्टर की कंपनियों पर ब्रोकरेज फर्मों ने अपनी रिपोर्ट निकाली है। जानते हैं नये नियमों को लेकर ब्रोकरेज फर्मो का नजरिया क्या है।
CLSA ON INDIA POWER FINANCE
सीएलएसए ने इंडिया पावर फाइनेंस कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि RBI ने प्रोजेक्ट फाइनेंस के नियम जारी किये हैं। नए नियम ड्रॉफ्ट प्रस्तावों के मुकाबले आसान हैं। आरबीआई के फैसले से लोन प्रोविजनिंग को लेकर नियम आसान हुए हैं। नये नियमों के तहत अब बैंक, NBFCs को 1% की प्रोविजनिंग करनी होगी। जबकि ड्रॉफ्ट में 5% प्रोविजनिंग का प्रस्ताव किया गया था।
सीएलएसए ने इस बारे में आगे कहा कि आरबीआई द्वारा बनाये गये नए नियम इस साल एक अक्टूबर से लागू होंगे। नए नियम REC, PFC के लिए बेहद पॉजिटिव साबित हो सकते हैं। RBI के ड्राफ्ट के बाद REC, PFC ने लोन ग्रोथ गाइडेंस घटा दिया था। REC, PFC की स्टैंडर्ड प्रोविजनिंग 0.95%-1.13% पर आ चुकी है।
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ब्रोकरेज फर्म ने इस सेक्टर की दो कंपनियों पीएफसी और आरईसी पर अपनी राय जाहिर की है। सीएलएसए ने पावर फाइनेंस कंपनी (PFC) पर आउटपरफॉर्म रेटिंग दी है। इसका टारगेट 525 रुपये तय किया है। वहीं ब्रोकरेज ने REC पर भी आउटपरफॉर्म रेटिंग दी है। इसका टारगेट 525 रुपये तय किया है।
CITI ON PROJECT FINANCING
दूसरे ब्रोकरेज फर्म सिटी ने प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग पर कहा कि RBI ने लेंडर्स के लिए प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के नियम आसान किये हैं। आसान किये गये नियमों के मुताबिक आगामी 1 अक्टूबर से अंडरकंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के लिए 1% की प्रोविजनिंग की जरूरत होगी। पिछले साल मई के ड्रॉफ्ट में 5% प्रोविजनिंग का प्रस्ताव किया गया था। ब्रोकरेज का कहना है कि कम प्रोविजनिंग से कॉर्पोरेट और पीएसयू बैंक ऋणदाताओं पर दबाव कम हुआ है। लागत में वृद्धि और परियोजनाओं पर ऋणदाताओं के पुलबैक का जोखिम कम हुआ है।
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