Hindustan Zinc Shares: हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में आज 19 जून को भी गिरावट जारी रही। कारोबार के दौरान शेयर का भाव 3.5 फीसदी तक गिरकर 437.10 रुपये के स्तर पर आ गया। यह लगातार सातंवा कारोबारी दिन है, जब कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई। 10 जून से अब तक स्टॉक में करीब 18% की गिरावट आ चुकी है। फिलहाल हिंदुस्तान जिंक के शेयर का P/E रेशियो 18 से अधिक है। पिछले पांच कारोबारी दिनों में इसमें लगभग 14% की गिरावट आई है। हालांकि, 2025 में अब तक इसने मामूली नुकसान ही दर्ज किया है। वहीं बीते एक साल में स्टॉक का भाव 30% से अधिक लुढ़क चुका है।
क्या करें निवेशक? शेयर खरीदें, बेचें या होल्ड?
ब्रोकरेज हाउस JM Financial ने इस स्टॉक पर अपनी ‘Buy’ रेटिंग बनाए रखी है और इसका टारगेट प्राइस 550 रुपये प्रति शेयर तय किया है। यह इस शेयर में मौजूदा स्तर से करीब 21.5% तक की उछाल की संभावना जताता है। ब्रोकरेज के मुताबिक, “हिंदुस्तान जिंक के पास हाई ग्रेड कैप्टिव माइंस, 100% कैप्टिव पावर प्लांट्स, बड़ा स्केल और डाइवर्सिफाइड रेवेन्यू स्ट्रीम है, जिसमें सिल्वर की बिक्री का योगदान भी लगातार बढ़ रहा है। इसी वजह से हम इस स्टॉक को लेकर पॉजिटिव हैं।”
दूसरी ओर, Motilal Oswal ने इस स्टॉक पर अपनी ‘न्यूट्रल’ की रेटिंग बनाए रखी है और इसका टारगेट प्राइस 480 रुपये प्रति शेयर तय किया है, जो इसके मौजूदा भाव से महज 6% अधिक है। ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी की क्षमता विस्तार योजना, तय टाइमलाइन के मुताबिक आगे बढ़ रही है। साथ ही इसके उत्पादन में सुधार और लागत नियंत्रण पर जोर बना हुआ है। ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2027 और 2027 के लिए कंपनी के अर्निंग्स अनुमानों को भी बरकरार रखा गया है।
INVasset PMS के बिजनेस हेड हर्षल दसानी ने वेदांता द्वारा हिंदुस्तान जिंक के कैपिटल रिजर्व के संभालने के तरीके को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “वेदांता द्वारा हिंदुस्तान जिंक के मैनेजमेंट ने कॉर्पोरेट फाइनेंस और कैपिटल अलोकेशन से जुड़ी कुछ बारिकियों को उजागर किया है, खासकर डिविडेंड पॉलिसी और डेट मैनेजमेंट के मामले में। डिविडेंड बांटने से शॉर्ट-टर्म रिटर्न चाहने वाले शेयरधारकों को भले ही खुशी मिलती हो, लेकिन इसके साथ लॉन्गटर्म पूंजी संतुलन भी बनाए रखना जरूरी होता है।”
हर्षल का कहना है कि कंपनी के कैपिटल रिजर्व में गिरावट और कर्ज में बढ़ोतरी यह संकेत मिलता है कि कंपनी की मजबूत वित्तीय सेहत की जगह शेयरधारकों के लिए शॉर्टटर्म में वैल्यू बनाने को तरजीह दी जा रही है। बता दें कि हिंदुस्तान जिंक का डिविडेंड यील्ड इस समय 6 प्रतिशत से भी अधिक है।
Vedanta की बिकवाली के बाद शेयर टूटा
हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में इससे पहले 18 जून को करीब 7% की बड़ी गिरावट आई थी जब इसकी पेरेंट कंपनी वेदांता ने अपनी 1.6 फीसदी हिस्सेदारी को 3,028 करोड़ रुपये में बेच दी। इस ब्लॉक डील का फ्लोर प्राइस 460.5 प्रति शेयर रुपये था। दिसंबर 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक, वेदांता के पास हिंदुस्तान जिंक में 63.42% हिस्सेदारी है।
सिल्वर रैली के बाद गिरावट
हिंदुस्तान जिंक भारत की सबसे बड़ी सिल्वर उत्पादक कंपनी है। सिल्वर की कीमतों में आई हालिया उछाल के चलते 4 जून से 10 जून के बीच इसके शेयरों में 20% तक उछाल आया था। हालांकि सिल्वर की कीमतें अभी भी ऊंचे स्तर पर हैं, लेकिन हिंदुस्तान जिंक के शेयर अब अपनी चमक खोने लगे हैं। आज 19 जून को शुरुआती तीन घंटों में ही स्टॉक में करीब 87 लाख शेयरों का कारोबार हुआ जिसकी वैल्यू ₹388 करोड़ रही। साथ ही Vedanta के शेयर भी 3% टूटकर ₹443 पर ट्रेड कर रहे थे।
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