<p style="text-align: justify;">वर्क कल्चर में गैजेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. ऐसा ही एक गैजेट है लैपटाॅप. वर्कप्लेस से लेकर घरों तक में इस पर डिपेंडेंसी बढ़ी है. ऑफिस का काम निपटाना हो या फिर पढ़ाई करनी हो, लैपटाॅप की जरूरत पड़ती है. मूवी से लेकर गेम्स खेलने के लिए भी ये एक पाॅपुलर गैजेट बन चुका है. लेकिन क्या आप इस गैजेट के नुकसान से अवेयर है. ये महिलाओं में इनफर्टिलिटी की वजह बन सकता है. आइए जानते हैं ये खतरा क्या है और इससे किस तरह बचा जा सकता है?</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>किस तरह पहुंचता है नुकसान?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">लैपटॉप से निकलने वाली हीट और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड रेडिएशन (ईएमएफ) का शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है. हार्मोन असंतुलन समेत कई तरह की प्राॅब्लम देखने को मिलती है. सिर्फ महिलाओं तक ही ये दिक्कत सीमित नहीं है, बल्कि पुरुषों को भी इनसे जूझना पड़ सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>महिलाओं को किस तरह खतरा?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अक्सर घर पर महिलाएं लैपटाॅप का यूज करते समय लापरवाह हो जाती हैं. लेटकर या फिर गोद में रखकर इस गैजेट का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन लैपटाॅप का इस्तेमाल महिलाओं में कई हेल्थ इश्यू की वजह बन सकता है. लगातार यूज से लैपटाॅप हीट और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड रेडिएशन जेनरेट करता है. जिससे महिलाओं में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है. बाॅडी के लगातार लैपटाॅप की हीट के संपर्क में रहने से पीरियड डिस्टर्ब हो सकते हैं. मूड में बदलाव महसूस हो सकता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>फर्टिलिटी पर किस तरह असर?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">लैपटाॅप से निकलने वाली हीट के लगातार संपर्क में रहने से बाॅडी के अंदर चेजेंस देखने को मिल सकते हैं. पेल्विक ऑर्गन्स में सूजन आ सकती है. इसका मेलाटोनिन उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है. मेलाटोनिन की कमी का असर महिलाओं में एग की क्वालिटी पर देखने को मिल सकता है. इससे न सिर्फ प्रेग्नेंसी में दिक्कत का सामना करना पड़ता है, बल्कि गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>खतरे से बचा कैसे जाए?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस खतरे का सबसे प्रमुख कारण लैपटाॅप यूज करने के तरीके में छिपा है. वर्कप्लेस पर महिलाएं लैपटाॅप को टेबल पर रखकर यूज करती हैं, लेकिन घर पर वह आराम चाहती हैं. ये आराम की दरकार उन्हें खतरे की ओर ले जाती है. जिस लैपटाॅप काे वह ऑफिस में टेबल पर रखती हैं, वह अब उनकी गोद में या बेड पर जगह ले लेता है. अगर महिला पढ़ाई भी कर रहीं होती हैं तो इसी तरह लापरवाह दिखती हैं. खतरे से वह अंजान रहती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>लैपटाॅप का इस तरह करें यूज</strong></p>
<ul>
<li style="text-align: justify;"><strong>टेबल या स्टैंड करें इस्तेमाल:</strong> लैपटाॅप का यूज करने के दाैरान टेबल या फिर स्टैंड का इस्तेमाल करें. इससे बाॅडी पर पड़ने वाले प्रभाव से बचा जा सकता है.</li>
<li style="text-align: justify;"><strong>कूलिंग पैड:</strong> कूलिंग पैड या इंसुलेटेड ट्रे का उपयोग कर सकते हैं. जिससे लैपटाॅप से निकलने वाली हीट से बचा जा सके.</li>
<li style="text-align: justify;"><strong>एक जगह तय करें:</strong> डेस्कटाॅप की तरह लैपटाॅप यूज करने के लिए भी घर पर एक जगह तय कर लें. इससे गलत तरीके से इसके इस्तेमाल से बचा जा सकेगा.</li>
</ul>
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<p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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