एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने भारत के लिए अपने विस्तृत सेफ्टी चार्टर को पेश किया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सपोर्ट वाले सिक्योरिटी के उपाय शामिल हैं जिनसे देश के लोग इस वर्ष 20,000 करोड़ रुपये तक के सायबरक्राइम्स से बच सकते हैं। लोगों को ठगने के लिए स्कैमर्स ने AI जेनरेटेड कंटेंट और डीपफेक का इस्तेमाल बढ़ाया है। गूगल के इस सेफ्टी चार्टर में तीन प्रमुख बिंदु शामिल हैं। ये यूजर्स को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने, पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सायबर सिक्योरिटी को बढ़ाने और AI को जिम्मेदारी वाली तरीके से आगे बढ़ाने के हैं।
गूगल के DigiKavach कार्यक्रम के जरिए लगभग 17.7 करोड़ यूजर्स को फ्रॉड को लेकर जागरूक किया गया है। केंद्र सरकार के Cyber Crime Coordination Centre (I4C) के साथ पार्टनरशिप में इस जागरूकता कार्यक्रम का विस्तार किया जाएगा। देश में गूगल की VP और कंट्री मैनेजर, Preeti Lobana ने कहा, “डिजिटल इकोसिस्टम तभी ग्रोथ का जरिया बन सकता है कि जब इसका इस्तेमाल करने वाले लोग इसे सुरक्षित महसूस करें।” कंपनी के AI सिस्टम्स अपने कंज्यूमर प्लेटफॉर्म्स पर प्रभावी नतीजे उपलब्ध करा रहे हैं। गूगल के मैसेज AI पावर्ड स्कैम डिटेक्शन के जरिए प्रत्येक माह 50 करोड़ से अधिक संदिग्ध मैसेज से यूजर्स को सुरक्षित कर रहे हैं। Google Pay ने फ्रॉड की आशंका वाली लगभग 4.1 करोड़ ट्रांजैक्शंस को प्रदर्शित किया है।
कंपनी का सर्च इंजन स्कैम वाले पेजों को पहले से 20 गुणा अधिक पकड़ रहा है। Google Play Protect ने पिछले वर्ष अक्टूबर में अपने लॉन्च के बाद से अधिक रिस्क वाले ऐप्स को इंस्टॉल करने की लगभग छह करोड़ कोशिशें ब्लॉक की हैं। इससे 1.2 करोड़ से अधिक डिवाइसेज को मैलवेयर से बचाया गया है। पिछले वर्ष गूगल ने लगभग 24.7 करोड़ फ्रॉड वाले विज्ञापनों को हटाया था। इसके अलावा कंपनी की पॉलिसी के उल्लंघन के कारण लगभग 29 लाख एकाउंट्स को ब्लॉक किया गया था।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।
Technology, Fraud, Social Media, Demand, Market, Google, Safety, Digital, AI, Videos, Fraud Detection, CyberCrime, Scams, Government, Advertisements, Users
संबंधित ख़बरें
Read More at hindi.gadgets360.com