इंडिया क्यों आया था प्लेन क्रैश में जिंदा बचा इकलौता शख्स, क्या है रमेश विश्वास कुमार की कहानी?

Ramesh Vishwas Kumar Air India Plane Crash Survivor Story: अहमदाबाद में हुए ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश में जिंदा बचे इकलौते शख्स रमेश विश्वास कुमार का अहमदाबाद के अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुल 242 यात्रियों और क्रू मेंबर में से रमेश कुमार चमत्कारिक रूप से जिंदा बचे। विश्वास के बोर्डिंग पास की तस्वीर के अनुसार, वह गैटविक एयरपोर्ट जाने वाली फ्लाइट की सीट 11A पर बैठे थे।

रमेश की उम्र 40 साल है। वह मूल रूप से दमन दीव से हैं और कई साल से फैमिली के साथ लीसेस्टर में रह रहे हैं। आइए जानते हैं प्लेन क्रैश के इतिहास में दर्ज हो चुके इस शख्स की पूरी कहानी क्या है?

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क्या करते हैं रमेश विश्वास कुमार? 

रमेश विश्वास कुमार अपने बड़े भाई अजय कुमार के साथ इंडिया आए थे। रमेश कुमार का लीसेस्टर में कपड़े का बिजनेस है। रमेश के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है। रमेश की वाइफ और बेटा उनके छोटे भाई नयन और मां के साथ लीसेस्टर में रहते हैं। रमेश का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन वे 2003 से ब्रिटेन में रह रहे हैं।

इस हादसे में उनके साथ इंडिया आए भाई की मौत हो गई। रमेश ने जलते हुए विमान से दूर जाने के बाद और खून से लथपथ चेहरे के साथ अपने परिवार को वीडियो कॉल किया था।

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रमेश के भाई नयन के अनुसार, रमेश और अजय बिजनेस के सिलसिले में भारत गए थे। विश्वास पहले टेक्सटाइल कंपनी RMV फैशन के डायरेक्टर थे। हालांकि यह 2022 में बंद हो गई।

अंकल को किया था फोन 

जब विमान रनवे पर था, तो रमेश ने अपने अंकल को फोन किया था। उन्होंने बताया था कि हम जल्द ही उड़ान भरने वाले हैं। हालांकि कुछ ही देर बाद रमेश ने जब वीडियो कॉल किया तो उसकी हालत बेहद खराब थी।

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अहमदाबाद सिविल अस्पताल में प्रोफेसर और सर्जरी प्रमुख डॉ. रजनीश पटेल के अनुसार, रमेश को बहुत ज्यादा चोट नहीं आई है। वह कड़ी निगरानी में हैं। उन्हें कुछ ही दिनों में छुट्टी दी जा सकती है।

क्या एंजेल नंबर ने बचाई रमेश कुमार की जान? 

रमेश के चमत्कारिक रूप से बचने के बाद सोशल मीडिया पर 11A सीट ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया यूजर इसे ‘एंजेल नंबर’ कह रहे हैं। जिसे 111 नंबर कहा जा रहा है। इसमें A वर्णमाला का पहला अक्षर शामिल है।

न्यूमेरोलॉजी के अनुसार, 111 को एंजेल नंबर माना जाता है। यह प्रथा 1990 के दशक के मध्य में लोकप्रिय हुई थी। इसे काइली जेनर और क्रिस्टिन कैवेलरी सहित कई सेलिब्रिटी फॉलो करते हैं। कई सेलिब्रिटी इस नंबर के टैटू बनवाते हैं और कई हार पर लिखवाते हैं।

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रमेश ने क्या बताया? 

रमेश ने डीडी न्यूज के साथ इंटरव्यू में बताया था कि वह इमरजेंसी एग्जिट वाले गेट के पास बैठे थे। खुशकिस्मती से उनकी सीट वाला हिस्सा जहां गिरा, वहां मेडिकल कॉलेज हॉस्टल का ग्राउंड था। उनके गिरने के बाद इमरजेंसी गेट टूट गया था। जिसके बाद उन्होंने अपनी सीट बैल्ट खोली और बाहर निकलने की कोशिश की। इस कोशिश में कामयाब हुए और बाहर निकल गए। थोड़ी देर बाद लोगों ने उन्हें घेर लिया और एम्बुलेंस तक ले गए। रमेश के अनुसार, उन्होंने अपने सामने एयरहोस्टेस और कई यात्रियों को मरते देखा।

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