Air India Plane Crash Ahmedabad safety checks Boeing 787 and Gujarat authorities identify remains through DNA testing

Air India Plane Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट क्रैश होने के बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के निर्देश पर एयर इंडिया के सभी  बोइंग-787 विमानों की जांच की जा रही है. 

एयर इंडिया के प्रवक्ता ने शनिवार (14 जन, 2025) को बताया कि अब तक 9 बोइंग 787 विमानों की जांच पूरी हो चुकी है. बचे हुए 24 विमानों की जांच भी तय समय सीमा के भीतर पूरी कर ली जाएगी. कुछ मामलों में ये जांच टर्नअराउंड टाइम बढ़ा सकती हैं, जिससे लंबी दूरी की उड़ानों में देरी हो सकती है. विशेषकर उन हवाई अड्डों पर जहां रात्रि कर्फ्यू लागू होता है.

उन्होंने बताया कि यात्रियों को किसी भी देरी की सूचना समय पर दी जाएगी. यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति airindia.com पर देखें. प्रभावित यात्रियों को रिफंड या मुफ्त री-शेड्यूलिंग का विकल्प दिया जा रहा है. यह पहल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है.

प्लेन हादसे में मारे गए अन्य लोगों की पहचान के लिए DNA टेस्टिंग 
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि प्लेन हादसे में मारे गए अन्य लोगों की पहचान के लिए सरकार गुजरात के अधिकारियों के साथ मिलकर DNA टेस्टिंग करा रही है. पहचान जाहिर होने के बाद संबंधित परिवार को शव सौंप दिए जाएंगे. हमारी पूरी कोशिश है कि इसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए.

उन्होंने कहा कि यात्रा, दस्तावेजों और शोक समर्थन को लेकर पीड़ित परिवारों की मदद के लिए एयर इंडिया को जरूरी निर्देश दिए गए हैं. हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की कोई चूक न हो.

हाई लेवल कमेटी गठित, जांच में कौन-कौन शामिल ?
एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर तकनीकी कारणों से परे सभी सिद्धांतों और सुरक्षा जांच को लेकर कमेटी गठित की गई है. केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में इस पैनल का गठन किया गया है, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, गुजरात सरकार के प्रतिनिधि, राज्य आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण अधिकारी, अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर, महानिदेशक, निरीक्षण एवं सुरक्षा भारतीय वायु सेना, डीजी, बीसीएएस (नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो) और खुफिया ब्यूरो के स्पेशल डायरेक्टर शामिल हैं. ये कमेटी 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी, इसमें विशेषज्ञों और सभी स्टेकहोल्डर की राय ली जाएगी.

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