Explainer: क्या होता है चिकन गन टेस्ट, प्लेन के इंजन के लिए मुर्गे का इस्तेमाल क्यों?

Explained What is Chicken Gun Test:चिकन गन टेस्ट को बर्ड स्ट्राइक टेस्ट भी कहा जाता है। यह एक विशेष तरह की परीक्षण प्रक्रिया है जिसमें पक्षियों से टकराव की स्थिति में विमान की मजबूती और सुरक्षा को परखा जाता है। इसमें मुर्गे जैसे पक्षी के शव को एक हाई-स्पीड एयर गन से विमान के विंडशील्ड, इंजन या पंखों पर दागा जाता है। इस टेस्ट का उद्देश्य यह जानना होता है कि अगर कोई पक्षी विमान से टकराए तो वह किन-किन हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है और किस हद तक। कहना गलत नहीं होगा कि यह टेस्ट यह सुनिश्चित करता है कि पक्षी टकराने की स्थिति में विमान के इंजन और विंडशील्ड, सुरक्षित रहें और विमान का संचालन प्रभावित न हो।

—विज्ञापन—

टेस्ट में जिंदा मुर्गे का इस्तेमाल नहीं होता

कई अफवाहों के विपरीत इस टेस्ट में जिंदा मुर्गे का इस्तेमाल नहीं किया जाता। आमतौर पर मरे हुए मुर्गे, जिलेटिन ब्लॉक्स या पक्षी जैसे वजन और संरचना वाले नकली मॉडल का इस्तेमाल किया जाता है। यह टेस्ट प्रयोगशालाओं में बेहद नियंत्रित और वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है। हवाई जहाज जब उड़ान भरता या लैंड करता है, तब उसकी रफ्तार 300 से 500 किमी प्रति घंटे तक होती है। इस दौरान अगर कोई पक्षी विमान से टकराता है, तो वह इंजन में फंस सकता है, विंडशील्ड तोड़ सकता है या विमान के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है। कई बार पक्षियों की टक्कर से इंजन बंद हो जाता है या उसमें आग लग सकती है, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना रहती है।

चिकन गन टेस्ट के फायदे

चिकन गन टेस्ट में 2-4 किलो वजन वाली मुर्गियों या कृत्रिम पक्षियों को विमान के इंजन या विंडशील्ड पर उच्च गति से फायर किया जाता है। इस टेस्ट की मदद से विमान निर्माताओं को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि विमान की विंडशील्ड, इंजन और पंख कितने मजबूत हैं और पक्षियों से टकराने की स्थिति में कितनी क्षति हो सकती है। जब तक कोई विमान इस टेस्ट में पास नहीं होता, उसे उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिलती। चिकन गन टेस्ट के दौरान की हर एक घटना को हाई-स्पीड कैमरों से रिकॉर्ड किया जाता है। यह टेस्ट विमान के डिजाइन और निर्माण के दौरान किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इंजन और विंडशील्ड पक्षी टकराव के बाद भी काम कर सकें।

कई सख्त टेस्ट पास करता है विमान

इंजीनियर और तकनीशियन वीडियो को फ्रेम-दर-फ्रेम देखकर यह जांचते हैं कि क्या इंजन के ब्लेड टूटे हैं, विंडशील्ड में दरार आई है या पंखों को कोई नुकसान पहुंचा है। हवाई यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चिकन गन टेस्ट जैसे परीक्षण बेहद जरूरी होते हैं। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि विमान पक्षियों से टकराने की स्थिति में भी सुरक्षित रह सके। अगली बार जब आप हवाई सफर करें, तो समझिए कि आपके विमान ने कई सख्त टेस्ट पास किए हैं, जिनमें से एक चिकन गन टेस्ट भी है। यह टेस्ट टेकऑफ और लैंडिंग के समय विमान की सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए अनिवार्य है, क्योंकि उड़ान के दौरान पक्षियों से टकराव आम बात है।

 

 

 

Read More at hindi.news24online.com