12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. इस दिन के पंचांग और ग्रहों की स्थिति से एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है, इस त्रासदी के पीछे वे कौन से ग्रह और इनसे बनने वाले कौन से खरनाक योग थे जो हादसे के खलनायक बन गए.
अहमदाबाद प्लेन क्रैश (Ahmedabad Plane Crash) जब हुआ उस समय ग्रहों की स्थिति कैसी थी, किन ग्रहों ने इस हादसे में अहम भूमिका निभाई?
साथ ही ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि क्या खतरा टल गया है या अभी भी बना हुआ है, यदि बना हुआ है तो ये कब तक रहेगा, इन सब के प्रश्नों का उत्तर ज्योतिष से जानने का प्रयास करते हैं.
मंगल-केतु की युति बनी दुर्घटना का कारण! अहमदाबाद प्लेन क्रैश 2025 पर शास्त्रसम्मत विश्लेषण-
मंगल-केतु की युति, अंगारक योग और यंत्रविघात
12 जून 2025 को मंगल और केतु की युति सिंह राशि में थी, जो कि सूर्य की अग्नि प्रधान राशि है. यह युति अंगारक योग कहलाती है, जो यंत्र विघात, तेज गति से जुड़ी दुर्घटना, और अग्नि कारण मौत का योग बनाती है. बृहत्पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार-
मङ्गलेन केतुसंयुक्ते क्रूरभावे च संस्थिते।
यन्त्रविघ्नं, अग्निहेतुं, प्राणहानिं च दर्शयेत्॥
शास्त्रों में मंगल को यंत्रों, इंजन और ऊर्जा का कारक बताया गया है, जबकि केतु उन्हें दिशाहीन, अनियंत्रित और अंध गति प्रदान करता है.
12 जून का पंचांग और राहुकाल का आरंभ
पंचांग अनुसार 12 जून को फ्लाइट नंबर AI-171 ने दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी और 1.40 बजे ये भीषण हादसा हो गया. उस समय प्लेन 625 फीट की ऊंचाई पर था.
इस दिन राहुकाल का समय राहुकाल 14:04 से 15:48 तक था. राहुकाल को शास्त्रों में सर्वाधिक दोषयुक्त काल माना गया है. यह भ्रम, विघ्न और आकस्मिक बाधाओं से भरा होता है.
‘राहुकाले यन्त्रकर्म निषिद्धं, न वैमानिकं न यानकं, विनाशं सूचयति’
यानि राहु काल में यंत्रों से जुड़ा कोई भी कार्य करना वर्जित है. विशेषतः उड़ान (विमान) या अन्य गतिशील वाहन का प्रयोग इस समय नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह काल दुर्घटना या विनाश का संकेत देता है.
मंगल बना अमंगल
चंद्रमा पूर्वाषढा नक्षत्र में था, जिसका स्वामी शुक्र है और वो इस दिन मेष राशि में गोचर कर रहा था. मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है, जो सिंह राशि में केतु के साथ अंगारक योग बना रहा था. इस प्रभाव से दिशाभ्रम और गड़बड़ी उत्पन्न जैसी स्थिति बनती है.
ज्योतिष ग्रंथों में मंगल ग्रह को अग्नि, इंजन, यंत्र, ऊर्जा का कारक बताया गया है. वहीं केतु को सिरहीनता, दिशाहीन गति, अस्पष्ट निर्णय का कारक है.
अंक ज्योतिष का उड़ान संख्या से संबंध
दुर्घटनाग्रस्त प्लेन की उड़ान संख्या AI-171 थी. 1+7+1= 9 यह मंगल का अंक है. इन सब तथ्यों को देखकर लगता है कि मंगल ही उस दिन का घातक कारक ग्रह था और केतु से युति, आग में घी का काम कर रही थी.
‘मङ्गलात् सर्वदोषाणां नाशः स्यात् उचितैः क्रियैः.
अन्यथा स सर्वनाशाय स्यात्.’
(यदि मंगल से संबंधित उचित उपाय (जैसे मंत्र, यंत्र, पूजा या कर्म) किए जाएं, तो वह सभी प्रकार के दोषों का नाश कर सकता है. लेकिन यदि उसे नियंत्रित न किया जाए, तो वही मंगल सर्वनाश का कारण भी बन सकता है)
खतरा अभी टला नहीं है?
मंगल–केतु की युति सिंह राशि में 2025 में 7 जून से 28 जुलाई तक सक्रिय रहेगी. विशेषकर इन दिनों में विशेष सावधानी की आवश्यकता है.
विशेष संवेदनशील तिथियां (Critical Dates)
नीचे की तिथियां विशेष रूप से यंत्र, अग्नि, गति और आकाश यात्रा के लिए खतरनाक हो सकती हैं. इन 52 दिनों में मंगल और केतु के प्रभाव के कारण युद्ध की परिस्थितियों में विस्तार होगा, जिन देशों के साथ पहले से युद्ध या तनाव जैसी परिस्थितियां बनी हुई हैं वहां पर हमले तेज हो सकते हैं.
तिथि | कारण |
12 जून 2025 अहमदाबाद प्लेन क्रैश | वास्तविक प्रमाण |
15–16 जून 2025 | सूर्य, मंगल, केतु, राहु और बुध एक साथ ‘त्रिकोन-दृष्टि’ बनाते हैं |
21 जून 2025 ग्रीष्म संक्रांति | अग्नि तत्व की चरम स्थिति |
2 जुलाई 2025 चंद्रमा सिंह राशि में | अंगारक के साथ चंद्र की युति मानसिक भ्रम और अग्नि से जुड़ी चीजों का संकेत |
9 जुलाई 2025 | मंगल और शनि एक-दूसरे को दृष्ट कर रहे होंगे, युद्ध जैसी स्थिति |
22–23 जुलाई 2025 | मंगल सिंह के अंतिम अंशों में अति-उत्साही और अनियंत्रित ऊर्जा |
किन कार्यों में सावधानी बरतनी चाहिए?
- विमान टेकऑफ, टेक्निकल टेस्टिंग, स्पेस लॉन्च
- अग्निशमन, रासायनिक प्लांट, बिजली से जुड़े कार्य
- ऑपरेशन, ट्रैफिक हाई-वे यात्रा
- बड़े निर्माण (Particularly High-Rise or Fire-Risk Structures)
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