Saturday Fasting Rule: सनातन धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होते हैं. उसी में से शनिवार का दिन कर्म और न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव को समर्पित है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव को प्रसन्न करने के लिए नियम बद्ध तरीके से उनकी पूजा और व्रत करना चाहिए. शनिवार का व्रत करने वाले ज्यादातर लोग व्रत करते वक्त कई गलतियां करते हैं, जिससे उन्हें मनचाहा फल प्राप्त नहीं होता है. आइए जानते हैं शनिवार का व्रत रखने का सही तरीका क्या है?
शनिवार का व्रत करने से पहले आपको मन में उनका स्मरण करना चाहिए. ऐसे में अगर आप शनिवार का व्रत करते हैं या करना चाहते हैं तो एक दिन पहले ही तामसिक भोजन से दूरी बना लें.
शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि कर साफ कपड़ों में शनिदेव के सामने पूजा और व्रत करने का संकल्प लें. इसके बाद किसी भी पीपल के पेड़ में पानी डालने के साथ 7 बार परिक्रमा लगाएं.
परिक्रमा के दौरान शनिदेव का ध्यान करके ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ मंत्र का उच्चारण करें. इस दौरान पीपल के पेड़ में रक्षा सूत्र बांधना सही माना जाता है.
शनि देव की लोहे की प्रतिमा की पूजा करें
शनिवार का व्रत शनि देव के लिए किया जाता है. ऐसे में शनिवार का व्रत रखते हैं तो मन, कर्म और वचन से पवित्र होना बेहद जरूरी है. शनिवार के दिन शनि देव की कथा सुनने से भाग्य सुधरता है.
ऐसे में शनिवार के दिन शाम के वक्त किसी भी मंदिर में जाकर शनि देव की आरती करनी चाहिए. इसके साथ ही उन्हें सरसों का तेल भी चढ़ाना चाहिए.
शनि देव की कृपा पाने के लिए घर में लोहे से बनी उनकी प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही शनिवार के दिन काला तिल, सरसों का तेल और काला वस्त्र शनिदेव को जरूर अर्पित करें. शनिवार के दिन कंबल का दान करने से भी विशेष लाभ मिलता है.
शनि देव की पूजा करने के नियमों में उनके मंत्र और स्तोत्र का जाप करना भी शामिल है. ऐसा करने से शनि की महादशा से छुटकारा मिलता है. जो भी व्यक्ति शनिवार का व्रत रखता है, उसे व्रत के अगले दिन शनिदेव की पूजा करने के बाद ही व्रत का पारण करें. बिना पारण के व्रत स्वीकार नहीं होता है.
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