Editor’s Take: बाजार में नई गिरावट का दौर शुरू या पॉजिटिव फैक्टर्स से आएगी खरीदारी? जानें अनिल सिंघवी का एनालिसिस

Editor’s Take: इस समय बाजार में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इज़रायल-ईरान तनाव घरेलू बाजार की तेजी पर ब्रेक लगाएगा? मार्केट गुरु अनिल सिंघवी के मुताबिक, वैश्विक तनाव ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बड़ी बिकवाली, कमजोर ग्लोबल संकेत, और कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल ने बाजार में चिंता का माहौल बना दिया है. लेकिन इन नकारात्मक कारकों के बीच भी कुछ सकारात्मक संकेत मौजूद हैं, जो बाजार के लिए राहत की बात है.

इज़रायल-ईरान तनाव: बाजार के लिए नया झटका

हाल ही में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के आसार तो थे, लेकिन इज़रायल का सीधा हमला बाजार के लिए एक अप्रत्याशित झटका साबित हुआ. यह सिर्फ राजनीतिक मसला नहीं बल्कि निवेशकों की रणनीति को भी प्रभावित करने वाला कारक है. ऐसे मामलों में निवेशक ‘सेफ हेवन’ माने जाने वाले एसेट्स की ओर भागते हैं, जैसे कि सोना और कच्चा तेल—और इन दोनों में ही तेज उछाल देखा गया. अब भारतीय बाजार की दिशा कच्चे तेल की कीमतों से तय होगी.

FIIs की बिकवाली सिर्फ तनाव की वजह से

बुधवार को FIIs ने कैश सेगमेंट में ₹3,831 करोड़ की बिकवाली की, जबकि कुल मिलाकर इंडेक्स और स्टॉक फ्यूचर्स सहित ₹12,150 करोड़ का पूंजी निकाला. हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 18वें दिन भी ₹9,394 करोड़ की खरीदारी की, जिसमें ₹7,700 करोड़ की Asian Paints की ब्लॉक डील भी शामिल थी. सिंहवी का मानना है कि FIIs भारत के प्रति निगेटिव नहीं हैं. जैसे ही भू-राजनीतिक हालात सामान्य होंगे, खरीदारी फिर से लौट सकती है.

किन स्तरों के टूटने पर बढ़ेगी गिरावट?

निफ्टी ने 24,464 के निचले स्तर से उछाल लेते हुए 25,222 का स्तर छुआ. अब यदि निफ्टी 24,450 के नीचे बंद होता है तो तेजी का ट्रेंड न्यूट्रल हो जाएगा, और यदि 23,900 के नीचे बंद होता है, तो बाजार कमजोरी के ट्रेंड में आ जाएगा. इसी तरह, बैंक निफ्टी ने 54,576 से उछालकर 57,049 तक का सफर किया. अब 55,350 के नीचे बंद होने पर इसका ट्रेंड न्यूट्रल होगा और 54,575 के नीचे गिरावट का ट्रेंड बनेगा.

क्या कुछ पॉजिटिव संकेत भी हैं?

हां, बाजार के लिए कुछ राहत देने वाले संकेत भी सामने आए हैं. भारत में महंगाई दर 6 साल के निचले स्तर पर है, जो बहुत पॉजिटिव संकेत है. डॉलर इंडेक्स भी 4 साल के निचले स्तर यानी 98 के नीचे आ गया है. इसके अलावा, Asian Paints की ₹7,700 करोड़ की ब्लॉक डील को सिर्फ एक SBI म्यूचुअल फंड जैसे DII द्वारा खरीदा जाना, बाजार की मजबूत इनस्टीट्यूशनल दिलचस्पी का संकेत है.

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