Bangladesh interim government chief advisor Mohammad Yunus UK visit has suffered a major setback PM Keir Starmer has refused to meet him

Muhammad Yunus UK Visit: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस को उनके ब्रिटेन दौरे पर बड़ा कूटनीतिक झटका लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने उनसे मिलने से साफ इनकार कर दिया है. ब्रिटिश सरकारी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री स्टारमर की यूनुस से मिलने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, उन्होंने इस पर अधिक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

यूनुस फिलहाल चार दिवसीय ब्रिटेन यात्रा पर हैं और बुधवार (11 जून 2025) को उन्होंने अपने होटल में ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल से मुलाकात की थी. बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया में यूनुस के ब्रिटेन दौरे को लेकर खासी हलचल और प्रचार देखने को मिल रहा था. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे, लेकिन खुद यूनुस ने एक ब्रिटिश अखबार को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया कि स्टारमर ने उनसे मिलने पर सहमति नहीं दी है.

बांग्लादेश में कट्टरपंथ और आतंकवाद
यूनुस के ब्रिटेन पहुंचते ही लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट और उनके होटल के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया. प्रदर्शनकारियों के हाथों में काले झंडे और बैनर थे, जिन पर लिखा था “यूनुस मुक्ति संग्राम के सेनानियों का हत्यारा है”, “गो बैक यूनुस”.प्रदर्शनकारियों ने उन पर बांग्लादेश में कट्टरपंथ और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने मांग की कि हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा किया जाए और यूनुस को ही जेल में डाला जाए.

यूनुस के काफिले पर फेंके गए जूते और अंडे
चश्मदीदों के मुताबिक, प्रदर्शन में शामिल लोगों ने यूनुस के काफिले पर जूते और अंडे फेंके, जिनमें ज्यादातर अवामी लीग समर्थक और ऐसे बांग्लादेशी नागरिक थे जो यूनुस के सत्ता में आने के बाद ब्रिटेन में शरण लेने को मजबूर हुए.अवामी लीग की ब्रिटेन की शाखा की ओर से 10 डाउनिंग स्ट्रीट, हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर, किंग्स फाउंडेशन और कॉमनवेल्थ सचिवालय को एक औपचारिक पत्र भी भेजा गया. इस पत्र में ब्रिटिश सरकार से अपील की गई कि वह यूनुस प्रशासन को मान्यता न दे .पत्र में कहा गया कि ऐसे समय में जब बांग्लादेश आर्थिक संकट, राजनीतिक दमन और मानवाधिकारों के उल्लंघन से गुजर रहा है, खासकर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अत्याचार बढ़ चुका है, तब यूनुस के साथ किसी भी तरह की ब्रिटिश भागीदारी लोकतंत्र और कानून के शासन की वैश्विक प्राथमिकता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.

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