Stock Market Crash: शेयर बाजार में इन 5 कारणों से मची तबाही, सेंसेक्स 1300 अंक टूटा, ₹7 लाख करोड़ डूबे – why stock market crash today 4 key reason as sensex tanks 1200 points nifty falls 400

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में आज 13 जून को भारी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी की शुरुआत 415 अंकों की गिरावट के साथ 24,500 के नीचे हुई, जबकि सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में 1,200 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई। मिडिल ईस्ट में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और क्रूड ऑयल के दाम में तेज उछाल ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इसके चलते शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 400 अंक टूट गया। कमजोर ग्लोबल संकेत, ईरान पर इजराइल के हमलों और क्रूड ऑयल के दाम में आए उछाल ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।

बाजार में बिकवाली का ऐसा माहौल बना कि कुछ ही मिनटों में बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट 7 लाख करोड़ रुपये घट गया। यह लगातार दूसरा दिन है, जब शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली है।

हालांकि, सुबह 10:15 बजे तक बाजार ने कुछ नुकसान की भरपाई की। उस समय तक सेंसेक्स 793.84 अंक या 0.97% की गिरावट के साथ 80,898.14 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 242.45 अंक या 0.97% टूटकर 24,645.75 पर था। शुरुआती कारोबार में कोटक महिंद्रा बैंक, पावर ग्रिड, अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और एशियन पेंट्स के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली।

मार्केट एक्सपर्ट्स ने बताया कि शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 5 प्रमुख कारण रहे-

1. ईरान पर इजराइल का हमला

शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह रही ईरान पर इजराइल का हमला।  इजराइल ने शुक्रवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान में बड़े हवाई हमले किए। जिन टारगेट्स को निशाना बनाया गया, वे ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटीज से जुड़े थे। यह हमला UN न्यूक्लियर वॉचडॉग की एक रिपोर्ट के बाद हुआ, जिसमें दावा किया था ईरान परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का उल्लंघन कर रहा है और वह अपने परमाणु कार्यक्रमों की पूरी जानकारी नहीं दे रहा है। इस हमले के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमेनेई ने ‘कड़े पलटवार’ की चेतावनी दी है। ससे मिडिल ईस्ट में भूराजनीतिक तनाव बढ़ गया है, जिसके चलते निवेशकों में आज घबराहट दिखी।

2. क्रूड ऑयल के दाम में तेज उछाल

ईरान-इजरायल तनाव का सीधा असर क्रूड ऑयल की कीमतों पर दिखा। अंतराषट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का दाम 13% तक उछल गया, जो भारत जैसे क्रूड खरीदार देशों के लिए बुरी खबर है। ब्रेंट क्रूड का भाव 10.28% चढ़कर $76.48 प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं अमेरिकी WTI क्रूड का भाव 11.38% उछलकर $75.82 प्रति बैरल पर पहुंच गया। क्रूड का दाम बढ़ने से इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलिमय जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट आई।

निवेशकों का आशंका है कि मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने से क्रूड सप्लाई बाधित हो सकती है। भारत अपनी 85% से ज्यादा तेल जरूरतें इंपोर्ट करता है। ऐसे में इस बढ़ोतरी से ट्रेड डेफिसिट बढ़ेगा और रुपये पर भी दबाव बढ़ेगा। साथ ही महंगाई दर भी बढ़ सकती है।

3. विदेशी निवेशकों की बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार पिछले 2 दिनों से शेयर बाजार में बिकवाल बने हुए हैं। गुरुवार 12 जून को उन्होंने 3,831.42 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। इससे पहले बुधवार को भी उन्होंने शेयर बाजार से 446.31 करोड़ रुपये निकाले थे। इससे बाजार पर दबाव और बढ़ गया है।

4. ग्लोबल बाजारों से कमजोर संकेत

एशियाई बाजारों में भी आज भारी बिकवाली का माहौल रहा। ताइवान का बाजार 0.50 फीसदी, हांग कांग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.85 फीसदी, साउथ कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 1.22 फीसदी और चीन का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 0.59 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। गिफ्ट निफ्टी पौने दो सौ प्वाइंट फिसला है। ग्लोबल लेवल पर मचती उथल-पुथल से निवेशकों का भरोसा फिलहाल डगमगाया हुआ है। अमेरिका का डाओ फ्यूचर्स भी भारतीय शेयर बाजार खुलने से पहले 600 प्वाइंट से ज्यादा टूट गया था।

5. भारतीय रुपये में कमजोरी

शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में में भारी गिरावट देखने को मिला। भारतीय रुपया 66 पैसे गिरकर 86.18 प्रति डॉलर पर आ गया। जबकि गुरुवार को रुपया 85.60 के स्तर पर बंद हुआ था। डॉलर की मजबूत मांग, महंगा होता क्रूड और बाजार में गिरावट, तीनों ने मिलकर रुपये को भी कमजोर कर दिया। इससे भी निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर पड़ा है।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

जियोजित इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने बताया, “अगर इजराइल का हमला और ईरान का जवाबी हमला लंबे समय तक जारी रहता है, तो इस इसके गंभीर आर्थिक परिणाम हो सकते हैं। ब्रेंट क्रूड की कीमतें करीब 12% बढ़कर 78 डॉलर पर पहुंच गई हैं। शेयर बाजार पर इसका असर इस बात पर निर्भर करेगा कि यह संघर्ष कितने समय तक जारी रहता है। नियर टर्म में बाजार में इसके चलते बिकवाली देखने को मिल सकती है।”

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