Bangladesh mob ancestral home vandalised Sirajganj Rabindranath tagore

रबींद्रनाथ टैगोर के एक पुराने घर को दंगाइयों ने तोड़ डाला. मामला बांग्लादेश के सिराजगंज का है. रबींद्रनाथ टैगोर ने इसी घर में बैठकर कई विश्व प्रसिद्ध रजनाएं लिखीं. उन्होंने बांग्लादेश का राष्ट्रगान भी लिखा था, लेकिन पड़ोसियों ने उनका सम्मान नहीं किया. ‘आमार सोनार बांग्ला’ रबीन्द्रनाथ टैगोर ने ही लिखा था और बांग्लादेश ने राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार कर लिया था. अब इसी देश के दंगाइयों ने उनके घर को तोड़ डाला.

न्यूज एक्स की एक खबर के मुताबिक बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में नोबल प्राइज विजेत रबींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर भीड़ ने हमला कर दिया. इस दौरान उनके घर में तोड़फोड़ की गई. अब इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यों वाली कमेटी बनाई गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक एक व्यक्ति 8 जून को अपने परिवार के साथ घूमने के लिए सिराजगंज की कचहरीबाड़ी स्थित रबींद्रनाथ टैगोर म्यूजियम घूमने आया था. शख्स की पार्किंग फीस को लेकर वहां काम कर रहे लोगों से बहस हो गई. वह अपनी बाइक पार्क करने के लिए गया था. दावा किया जा रहा है कि शख्स के साथ मारपीट की गई और उसे कमरे में बंद कर दिया गया. इस मामले की जानकारी के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया और वे विरोध प्रदर्शन करने पहुंच गए. आक्रोशित भीड़ ने सबसे पहले सभागार पर अटैक किया और इसके बाद दूसरी जगहों पर भी तोड़फोड़ की.

गौरतलब है कि कचहरीबाड़ी टैगोर परिवार का पैतृक निवास रहा है. यह हवेली रबींद्रनाथ टैगोर के लिए बहुत ही खास रही है, क्यों कि उन्होंने यहीं बैठकर कई विश्व प्रसिद्ध रचनाएं लिखीं. अब उनके ही घर पर अटैक कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक घटना के बाद पुरातत्व विभाग ने हमले की जांच के लिए कमेटी बनाई है. फिलहाल यहां लोग घूमने नहीं जा पाएंगे. कुछ समय के लिए बाहरी लोगों की एंट्री बैन कर दी गई है.

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