‘पाक सेना प्रमुख को US के आर्मी डे पर आमंत्रित किया जाना भारत के लिए कूटनीतिक झटका…’ कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

Pak Army Chief Asim Munir invited to US Army Day: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बीच अमेरिका के सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ शानदार पार्टनर बताया है, जबकि पाक सेना प्रमुख को अमेरिका के सेना दिवस (14 जून) के कार्यक्रम का न्योता मिलने की भी खबर है। जिसको लेकर भारत में राजनीति गरमाती हुई नजर आ रही है। देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टि से एक बड़ा झटका बताया है।

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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष सूत्रों ने बताया कि ‘पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर इस सप्ताह वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेने के लिए अमेरिका का दौरा करेंगे। वाशिंगटन से मिले निमंत्रण के बाद, सूत्रों ने बताया कि मुनीर ने शनिवार को अमेरिकी राजधानी में होने वाली सैन्य परेड में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है। उनका यह दौरा भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हो रहा है।’ इस खबर के सामने आने के बाद कांग्रेस महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

जयराम रमेश ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘खबर है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को अमेरिका के सेना दिवस (14 जून) के मौके पर वॉशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। यह खबर भारत के लिए कूटनीतिक और सामरिक दृष्टि से एक बड़ा झटका है। यह वही व्यक्ति हैं जिसने पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले भड़काऊ और उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया था- सवाल उठता है कि अमेरिका की मंशा क्या है? अभी अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख ने भी बयान दिया था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान, अमेरिका का एक ‘शानदार साझेदार’ है।’

कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, ‘मोदी सरकार कह रही है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है, ऐसे में पाकिस्तानी सेना प्रमुख का अमेरिकी सेना दिवस में बतौर अतिथि शामिल होना निश्चित ही गंभीर चिंता का विषय है। ट्रंप प्रशासन लगातार ऐसे बयान दे रहा है जिसके यही मायने निकाले जा सकते हैं कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में रखकर देख रहा है। अमेरिका सहित पूरी दुनिया को पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक भूमिका से अवगत कराकर लौटे प्रतिनिधिमंडल का प्रधानमंत्री अभी स्वागत-सत्कार कर ही रहे हैं- और उसी वक्त वॉशिंगटन डीसी से इस तरह की खबरें आ रही हैं, जो भारत की कूटनीतिक स्थिति को और असहज बनाती हैं।’

उन्होंने लिखा, ‘प्रधानमंत्री को अब अपनी हठ और प्रतिष्ठा की चिंता छोड़कर एक सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए, ताकि राष्ट्र अपनी सामूहिक इच्छा-शक्ति को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सके और देश के सामने एक ठोस रोडमैप प्रस्तुत किया जा सके। दशकों की कूटनीतिक प्रगति को इतनी आसानी से कमजोर नहीं होने दिया जा सकता।’

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