SEBI: शेयर बाजार में साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए SEBI लाएगा UPI वेरिफिकेशन टूल, लेनदेन होगा और भी सुरक्षित – sebi to launch upi authentication tool for safer securities transactions

SEBI UPI Authentication Tool: शेयर बाजार में बढ़ते ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए SEBI ने एक नया UPI वेरिफिकेशन टूल लाने का ऐलान किया है। अब निवेशकों को शेयर बाजार से जुड़े लेनदेन करते समय यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि वे सही जगह भुगतान कर रहे हैं या नहीं। सेबी की चेयरपर्सन तुहिन कांता पांडे ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘साइबर धोखाधड़ी को लेकर लोगों में काफी चिंता है। हमें इसका स्थायी समाधान खोजना होगा। हमारे पास 13 करोड़ से अधिक निवेशक हैं, और हमें शेयर बाजार में एक ऐसी प्रणाली की जरूरत है जहां निवेशक एक ऐसे सिस्टम के जरिए निवेश करें जहां उन्हें पता हो कि वे सही जगह निवेश कर रहे हैं।’

कैसे काम करेगा नया UPI सिस्टम?

इस नए सिस्टम के तहत, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) बैंकों के साथ मिलकर काम करेगा। वे सेबी के साथ रजिस्टर्ड कंपनियों (जैसे ब्रोकर, निवेश सलाहकार) को एक यूनिक और वेरिफाइड UPI हैंडल देंगे। बैंक इस सुविधा को सपोर्ट करने के लिए अपने सिस्टम में जरूरी बदलाव करेंगे। अच्छी बात यह है कि निवेशकों को कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं होगी। सेबी चीफ ने साफ किया, ‘बदलाव ब्रोकर लेवल पर करना होगा, निवेशकों को नहीं।’

कब तक लागू होगा नया नियम?

SEBI ने निर्देश दिया है कि जो भी ब्रोकर, निवेश सलाहकार और रिसर्च एनालिस्ट निवेशकों से पैसे लेते हैं उन्हें 1 अक्टूबर, 2025 तक इस नए सिस्टम को अपनाना होगा। इस नए ढांचे के तहत लगभग 9,000 रजिस्टर्ड ब्रोकर आएंगे। एक बार यह सिस्टम शुरू हो जाने के बाद, वो सेबी के अपने पोर्टल के जरिए UPI हैंडल के लिए आवेदन करेंगे। फिर बैंक इन हैंडल की जांच करेंगे और उन्हें मंजूरी देंगे।

पांडे ने कहा, ‘हम UPI सिस्टम के भीतर एक ऐसी प्रणाली शुरू कर रहे हैं जिससे यह जांचा जा सके कि बैंक, ब्रोकर आदि का UPI एड्रेस असली है या नहीं। यह बहुत काम का होगा। इसे 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा।’

निवेशकों की मदद के लिए ‘Sebi Check’ टूल

SEBI निवेशकों की मदद के लिए सेबी ‘सेबी चेक’ नाम का एक टूल भी बना रहा है। इस टूल से यूजर्स एक QR कोड स्कैन करके या मैन्युअल रूप से UPI ID डालकर किसी भी बिचौलिए की UPI ID की चेक कर सकेंगे। यह टूल संबंधित बैंक का विवरण जैसे खाता संख्या और IFSC कोड भी दिखाएगा। पांडे ने कहा, ‘यह नया और बेहतर तरीका शेयर बाजार में वित्तीय लेनदेन की सुरक्षा और पहुंच को काफी बेहतर बनाने वाला है, क्योंकि यह एक वेरिफाइड और सुरक्षित भुगतान चैनल प्रदान करेगा।’ सेबी का यह कदम साइबर धोखाधड़ी से निपटने और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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