145 days ban on Vivah muhurat: बीते महीने 14 अप्रैल से शुरू हुए शादी समारोह पर 9 जून 2025, सोमवार को विराम लग गया है. ऐसे में अब 145 दिन बाद एक बार फिर से शादी का सीजन शुरू होगा. 8 जून को शादी करने के लिए अंतिम मुहूर्त था. लिहाजा अब सभी तरह के वैवाहिक कार्यक्रम 145 दिन बाद ही शुरू होंगे. इस दौरान शादी या उससे जुड़े किसी भी समारोह को करना सही नहीं है. 12 जून को गुरु मिथुन राशि में अस्त हो चुके हैं. ऐसे में गुरु के उदय होने तक शादी नहीं हो सकेगी.
बता दें कि अगले महीने यानी 6 जुलाई से देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू हो जाएगा. इस वजह से 1 नवंबर तक किसी भी विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है. ठीक इसी तरह 8 जून से लेकर एक नवंबर के बीच यानी 145 दिनों तक शादी करना शुभ नहीं है. क्योंकि इस बीच विवाह करने के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है.
ज्योतिषाचार्यों का क्या कहना है?
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक विवाह के लग्न मुहूर्त को देखते समय इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि गुरु व शुक्र ग्रह की स्थिति अच्छी हो. इनमें से एक भी ग्रह की स्थिति अगर शुभ ना हो, तो उस तारीख में शादी करना सही नहीं माना जाता है. शादी के लिए देवगुरु बृहस्पति और शुक्र ग्रह को कारक माना जाता है. जिस भी व्यक्ति की कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत है तो उस व्यक्ति की शादी जल्दी होती है. वहीं जिन लोगों की कुंडली में इन दोनों ग्रहों की स्थिति कमजोर हो तो, उस व्यक्ति की शादी में कई दिक्कतें आती है.
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति अस्त हो तो उस वक्त शादी करना सही नहीं है. हिंदू पंचांग के मुताबिक साल 2025 में गुरु ग्रह 12 जून से लेकर 9 जुलाई तक मिथुन राशि में अस्त है. ऐसे में जब गुरु ग्रह अस्त की स्थिति में हो तो उस दौरान शादी जैसे शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए.
गुरु अस्त होने पर क्या करें?
इस वक्त शादी या कोई शुभ कार्य करने की सलाह नहीं दी जाती है. हालांकि इस दौरान पूजा-पाठ या ध्यान करना सही माना जाता है. धार्मिक तरह के कार्य किसी भी अशुभ मुहूर्त से मुक्त होते हैं. इस दौरान अगर आपको अपने पितरों का तर्पण करना है तो आप कर सकते हैं. जब गुरु मिथुन राशि में अस्त है तो ऐसे समय पर भगवान के नाम का जाप करने के साथ पूजा पाठ करना शुभ माना जाता है.
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