Kashi Vishwanath Temple News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पड़ रही चिलचिलाती धूप और झुलसाने वाली गर्मी भी बाबा विश्वनाथ के भक्तों की आस्था को कम नहीं कर पा रही है. श्री काशी विश्वनाथ धाम में हर दिन 90 हजार से लेकर एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. वीकेंड पर यह संख्या बढ़कर डेढ़ लाख के करीब पहुंच जाती है.
मंदिर ट्रस्ट ने व्यापक स्तर पर इंतजाम किए
बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे भक्तों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने व्यापक स्तर पर इंतजाम किए हैं. मंदिर परिसर और कॉरिडोर में मिस्ट फैन, वाटर कूलर, शीतल जल वितरण केंद्र, पंखे और कूलर लगाए गए हैं. इसके अलावा, मंदिर मार्ग में बिछाई गई पटसन की चटाई (मैट) श्रद्धालुओं को गर्म फर्श से राहत दे रही है. यह प्रयोग अपने आप में अभिनव है, क्योंकि यह फायर मैट की तुलना में महंगा है.
लेकिन, पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल है और इसे रिसाइकिल भी किया जा सकता है. ट्रस्ट ने इसे पटसन निगम लिमिटेड से संपर्क कर विशेष रूप से मंगवाया है और इसकी प्रभावी लागत सरकार द्वारा स्वीकृत दरों के अनुरूप ही रखी गई है.
श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल की तुलना में आधी
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में इस साल महाकुंभ के दृष्टिगत श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग आधी है. वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 90 हजार से लेकर 1.10 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आ रहे हैं. सप्ताहांत में यह संख्या बढ़कर डेढ़ लाख तक पहुंच जाती है. गर्मी अधिक होने के कारण सुबह 11 बजे तक और शाम के समय अधिक भीड़ होती है, जबकि दोपहर में संख्या अपेक्षाकृत कम रहती है.
उन्होंने कहा कि गर्मी को देखते हुए मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विशेष प्रबंध किए गए हैं. जर्मन हैंगर में मिस्ट फैन लगाए गए हैं, ग्लूकोज, शरबत और शीतल जल का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है. वाटर कूलर भी विभिन्न स्थानों पर लगाए गए हैं. साथ ही, पटसन की विशेष मैट (चटाई) का प्रयोग एक अभिनव प्रयास के रूप में किया गया है, जो सामान्य फायर मैट से दोगुनी कीमत की होती है.
यह चटाई पटसन निगम लिमिटेड से ली जा रही है और इसे पुनः उपयोग करने की व्यवस्था के कारण इसकी प्रभावी लागत सरकार के अनुमोदित दरों के अनुरूप ही है. यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है क्योंकि इसमें कोई वेस्टेज नहीं होता.
‘भगवान महादेव को फलों के रस और शीतल पदार्थ अर्पित किए जा रहे हैं’
विश्व भूषण मिश्रा ने आगे कहा कि श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम सुविधा प्रदान करना श्री काशी विश्वनाथ धाम न्यास का संकल्प है. हम न केवल भौतिक स्तर पर सेवाएं उपलब्ध करवा रहे हैं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं के अनुसार भी प्रयासरत हैं. ग्रीष्मकालीन ताप को शांत करने के लिए शास्त्र सम्मत उपायों के अंतर्गत भगवान महादेव को फलों के रस और शीतल पदार्थ अर्पित किए जा रहे हैं, ताकि वह हमारे कष्टों को समझें और वातावरण के ताप को शांत करें.
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