शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष उड़ान फिर टली, जानें अब क्या प्रॉब्लम आई? नासा के Axiom Mission 4 में निभाएंगे अहम भूमिका

NASA Spacex Axiom Mission 4: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) का Axiom Mission 4 आज भी लॉन्च नहीं होगा। भारतीय समयानुसार, आज 11 जून दिन बुधवार की शाम को साढ़े 5 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए मिशन को लॉन्च होना था, लेकिन LOX लीकेज की वजह से लॉन्चिंग टाल दी गई है। अमेरिका के फ्लोरिडा में बने नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्पलेक्स 39A से मिशन लॉन्च होना है।

Axiom Mission 4 पर 4 अंतरिक्ष यात्री जाएंगे, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। चारों अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स द्वारा बनाए गए ड्रैगन कैप्सूल में फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए धरती से इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन तक जाएंगे। मिशन को स्पेस स्टेशन तक पहुंचने में लॉन्च होने के बाद 48 घंटे लगेंगे। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक होने के बाद मिशन Axiom-4 14 दिन के लिए अंतरिक्ष में रहेगा और 7 तरह की रिसर्च करके वापस लौट आएगा।

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आइए नासा के मिशन Axiom के बारे में सबकुछ जानते हैं…

लगातार 4 बार टल चुकी लॉन्चिंग

बता दें कि मिशन को 29 मई को लॉन्च होना था, लेकिन किन्हीं कारणों से लॉन्चिंग टाल दी गई। इसे 8 जून को री-शेड्यूल किया गया, लेकिन 8 जून को भी लॉन्चिंग टल गई। 10 जून को शाम 5.30 बजे मिशन को लॉन्च करने की तैयारी की गई, लेकिन खराब मौसम के कारण लॉन्चिंग टालनी पड़ी। आज 11 जून की भी लीकेज के कारण मिशन की लॉन्चिंग टाल दी गई।

 

14 दिन में 7 रिसर्च करेंगे एस्ट्रोनॉट

Axiom Mission-4 प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन कहलाएगा और यह करीब 14 दिन का होगा। इन 14 दिन में 4 एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रहकर 7 प्रकार की रिसर्च करेंगे। करीब 5140 करोड़ (60 मिलियन डॉलर) खर्च इस मिशन पर खर्च होंगे। Axiom Mission-4 अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संगठन (ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का जॉइंट स्पेस मिशन है।

14 दिन में की जाएंगी यह सभी रिसर्च

Axiom-4 मिशन के 14 दिन के दौरान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 60 साइंटिस्ट रिसर्च करेंगे। यह 60 वैज्ञानिक 31 देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे। 12 रिसर्च भारत की इसरो और नासा के वैज्ञानिक मिलकर करेंगे। 7 रिसर्च भारतीय वैज्ञानिक और 5 रिसर्च नासा के वैज्ञानिक करेंगे। जैविक प्रयोग करके पौधों के बीजों पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का असर देखा जाएगा, ताकि भविष्य में अंतरिक्ष में खेती करना संभव हो। मानव स्वास्थ्य से जुड़ा प्रयोग करके पता लगाया जाएगा कि अंतरिक्ष में इंसान के दिल, दिमाग और मांसपेशियों पर क्या असर पड़ता है। कई टेक्निकल रिसर्च भी की जाएंगी।

 

एक्सिओम स्पेस कंपनी का चौथा मिशन

अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी Axiom स्पेस ने इस मिशन को तैयार किया है और मिशन तैयार करने में नासा ने कंपनी को मदद की। अब से एक्सिओम कंपनी 3 मिशन लॉन्च कर चुकी है। पहला 17 दिवसीय मिशन 1 अप्रैल 2022 को लॉन्च हुआ था। दूसरा 8 दिन दिवसीय मिशन 4 एस्ट्रोनॉट के साथ 2 मई 2023 को लॉन्च हुआ था। तीसरा 18 दिवसीय मिशन 3 जनवरी 2024 को लॉन्च हुआ था।

मिशन पर जाने वाले 4 अंतरिक्ष यात्री

शुभांशु शुक्ला मिशन के पायलट होंगे। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन पहली बार अंतरिक्ष में जा रहे हैं। शुभांशु शुक्ला 40 साल बाद राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे। पौलैंड के एस्ट्रोनॉट स्लावोज उज्नान्स्की मिशन के स्पेशलिस्ट होंगे। 1978 के बाद वे अंतरिक्ष में जाने वाले पोलैंड के दूसरे एस्ट्रोनॉट हैं। हंगरी के एस्ट्रोनॉट टिबोर कापू भी मिशन के स्पेशलिस्ट होंगे। 1980 के बाद वे अंतरिक्ष में जाने वाले हंगरी के दूसरे एस्ट्रोनॉट हैं। अमेरिका की अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन मिशन की कमांडर होंगी। Axiom-4 मिशन पैगी का दूसरा कॉमर्शियल ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है।

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