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Guru Astha 2025: 9 जून 2025 को जब मिथुन राशि में गुरु अस्त हुआ, तो यह केवल खगोलीय घटना नहीं रही. यह संकेत बन गया वैश्विक असंतुलन, कूटनीतिक विफलता और युद्ध की विभीषिका का.

यह वही गुरु है जिसे नीति, विवेक और शांति का कारक माना गया है, और जब वही मौन हो जाए, तो राजनीति उग्र हो जाती है, सैन्य टकराव समीप आ जाते हैं. गुरु अस्त क्या तीसरे विश्व युद्ध की आहट बनकर लोगों का डर सकता है?

ग्रह गोचर तालिका: 9 जून 2025 को प्रमुख ग्रह स्थिति








ग्रह राशि स्थिति विशेष प्रभाव
गुरु मिथुन अस्त, अतिचारी नीति-धर्म का क्षय, संवाद की विफलता
शनि मीन 7 जुलाई को वक्री भ्रम, कट्टरता, छिपे तनाव का विस्फोट
मंगल सिंह उच्च स्थिति आक्रामकता, सैन्य टकराव, आंतरिक हिंसा
राहु मीन बलवान अफवाह, धार्मिक उन्माद, गुप्त युद्ध

वैश्विक युद्ध संकेत: ज्योतिषीय विश्लेषण

रूस-यूक्रेन (Russia Ukraine):

  • गुरु का अस्त होना और मंगल का सिंह में उच्च होना, दोनों युद्ध को प्रबल बनाते हैं.
  • शनि जलराशि और राहु वायु तत्व की राशि में संकेत करते हैं कि नदी, समुद्र या क्रीमिया जैसी जल सीमाओं पर पुनः बड़ा संघर्ष हो सकता है.
  • नवांश में राहु का गुरु पर प्रभाव यूक्रेन की ओर से अप्रत्याशित आक्रमण या पश्चिमी हथियारों की बड़ी खेप की तरफ संकेत करते हैं.

इजराइल-फिलिस्तीन (Israeli Palestinian conflict):

  • गुरु अस्त और राहु शनि की राशि कुंभ में यह स्थिति धार्मिक युद्ध की चेतावनी देती है.
  • 13 जुलाई को शनि वक्री हो रहे हैं जिससे कूटनीति ठप, कट्टरवाद में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं.
  • गाज़ा पर बड़े हमले, ईरान और लेबनान की भागीदारी में उभार देखने को मिल सकता है.

भारत-पाकिस्तान (India Pakistan):

  • गुरु अस्त-अंदरूनी विरोध, सीमावर्ती असंतोष.
  • मंगल की दृष्टि सेना पर सर्जिकल ऑपरेशन या LOC पर हलचल.
  • भारतीय सैन्य उपकरण और रक्षा निर्यात में बढ़ोत्तरी.

पाकिस्तान

  • युद्ध उकसाने की प्रवृत्ति, आतंकी गतिविधियां.
  • राहु-शनि से के कारण कूटनीतिक असफलता और सैन्य नेतृत्व पर दबाव.
  • वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की साख कमजोर.

पूर्ण युद्ध नहीं, पर सीमित सैन्य कार्रवाई (Mini War) के मिल रहे संकेत
गुरु की चाल में परिवर्तन किसी बड़े हमले के संकेत तो नहीं दे रहा लेकिन छोटी सैन्य कार्रवाई से इंकार नहीं किया जा सकता है. दुनिया के कई हिस्सों में सत्ता के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं. विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा आंदोलन या कोई कैंपेन शुरु किए जा सकते हैं. बृहत्संहिता के अनुसार गुरोः अस्ते प्रजायते नीतिहानिः, संग्रामे शस्त्रप्रयोगः स्यात्. 

7 जुलाई 2025 जब तक क्या हो सकता है?

  • विश्व स्तर पर तनाव की चरम स्थिति
  • सीमित युद्ध या उग्र प्रदर्शन के संकेत
  • भारत में LOC पर हलचल और उकसावे की प्रतिक्रिया
  • कूटनीति विफल, अफवाहों का बोलबाला

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