Capital Expenditure : IT, ऑटोमोबाइल, मेटल या फिर फार्मा,किसी भी सेक्टर की बात कर लीजिए, आप पाएंगे कि हर सेक्टर की कंपनियां ढेरों कैश पर बैठी हैं फिर भी कैपेक्स में सुस्ती है। ऐसी हालात क्यों बनी हुई है,यह सोचने का विषय है। 3,611 लिस्टेड कंपनियों के वित्त वर्ष 2025 तक के कैश आंकड़ों पर नजर डालें तो इनके पास कुल 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश था। इनके कैश पाइल में सालाना आधार पर 15 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। कंपनियों के पास कैश की भरमार है। फिर भी हमें कैपेक्स का इंतजार करना पड़ रहा है।
इसकी वजह पर नजर डालें तो डिमांड में अनिश्चितता से नए कैपेक्स को लेकर कंपनियां सतर्क दिख रही हैं। 3,611 लिस्टेड कंपनियों के कैश में सालाना आधार पर 15 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2020 के मुकाबले कंपनियों के कैश में 50 फीसदी का उछाल देखने को मिला है।
लिस्टेड कंपनियां के पास कितना कैश
लिस्टेड कंपनियां के पास कितना कैश है इसकी पड़ताल करें तो वित्त वर्ष 2020 में लिस्टेड कंपनियां के पास 5.5 लाख करोड़ रुपए कैश था। जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 9.26 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2025 में लिस्टेड कंपनियों का कैश स्तर बढ़ कर 10.67 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
किस सेक्टर में कितना कैश?
किस सेक्टर में कितना कैश इस पर नजर डालें तो IT कंपनियों के पास 1.17 लाख करोड़ रुपए कैश है। वहीं, ऑटोमोबाइल एंड एंसिलियरी कंपनियों के पास 1.15 लाख करोड़ रुपए का कैश पाइल है। मेटल, स्टील और माइनिंग कंपनियों के पास 1.1 लाख करोड़ रुपए कैश के रुपए में हैं। इंजीनियरिंग कंपनियों के पास 0.73 लाख करोड़ रुपए और फॉर्मा कंपनियों के पास 0.65 करोड़ रुपए कैश है। वहीं, डिफेंस कंपनियों के पास 0.54 लाख करोड़ रुपए कैश है।
किस कंपनी के पास कितना कैश?
किसके कंपनी के पास कितना कैश है, इसकी बात करें तो RIL के पास वित्त वर्ष 2024 में 97,225 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 1,06,502 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। LIC के पास वित्त वर्ष 2024 में 41,824 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 69,885 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। HAL के पास वित्त वर्ष 2024 में 26,432 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 38,182 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। Coal India के पास वित्त वर्ष 2024 में 30,235 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 34,215 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
Infosys के पास वित्त वर्ष 2024 में 14,786 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 24,455 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। L&T के पास वित्त वर्ष 2024 में 15,358 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 22,965 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। M&M के पास वित्त वर्ष 2024 में 12,013 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 20,615 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
WIPRO के पास वित्त वर्ष 2024 में 9,695 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 12,197 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। Tata Steel के पास वित्त वर्ष 2024 में 8,678 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 11,647 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। Aurobindo Pharma के पास वित्त वर्ष 2024 में 6,278 करोड़ रुपए कैश था जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 8,235 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
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क्यों कैश पर बैठी हैं कंपनियां?
ग्लोबल आर्थिक कमजोरी और ट्रेड वॉर के चलते कंपनियां रिस्क लेने से बच रही हैं। टैरिफ की टेंशन से एक्सपोर्ट रेवेन्यू पर असर पड़ने की आशंका है। चीन के सस्ते सप्लाई से भी घरेलू कैपेक्स पर असर पड़ रहा है। ट्रंप टैरिफ की वजह से कंपनियां वेट एंड वॉच की मुद्रा में हैं।
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