Jane Street’s India F&O Trades: SEBI आज से नहीं 3 साल पहले से कर रहा है जांच, अमेरिकी फर्म पर किस वजह से है टेढ़ी नजर – sebi investigating jane street derivatives trades stretching back three years is it really intended to manipulate indias benchmark stock indexes what is the whole matter

मार्केट रेगुलेटर SEBI दुनिया की सबसे बड़ी क्वांट ट्रेडिंग फर्म्स में से एक जेन स्ट्रीट के डेरिवेटिव्स ट्रेड की जांच कर रहा है, वह भी आज से नहीं बल्कि 3 साल पहले से। SEBI पता लगाना चाहता है कि क्या इस अमेरिकी फर्म का देश के बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्सेज में हेरफेर करने का इरादा था या नहीं। यह बात रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वालों के हवाले से कही गई है। जेन स्ट्रीट कैपिटल दुनिया की बड़ी प्रोपरायटरी फर्म्स में से एक है। प्रोपरायटरी फर्म ऐसी फर्म को कहा जाता है, जो किसी क्लाइंट की जगह खुद के लिए ट्रेडिंग करती है। जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई भारत में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर (FPI) के रूप में रजिस्टर्ड है।

जेन स्ट्रीट पर मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज के आरोप हैं। इससे कंपनी को भारी मुनाफा हुआ और नुकसान इंडियन ट्रेडर्स को उठाना पड़ा। यह पूरा मामला जनवरी 2025 में तब सामने आया था, जब NSE को कुछ असाधारण ट्रेडिंग पैटर्न्स देखने को मिले थे और ये जेन स्ट्रीट सहित कुछ हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (एचएफटी) फर्म्स से लिंक्ड थे। ये ट्रेड्स कुछ सेकेंड्स के अंदर हुए थे, लेकिन उनका असर काफी व्यापक था। इससे एक चेन रिएक्शन बना था, जिसने मार्केट की चाल को उस दिशा में मोड़ दिया था, जो इन फर्म्स के लिए फायदेमंद था। इन ट्रेड्स की वजह से कुछ दूसरे ट्रेडर्स के स्टॉपलॉस ट्रिगर हुए थे, जिसका काफी असर पड़ा था।

हालांकि अप्रैल 2024 में कुछ खास इंडेक्स की एक्सपायरी पर ट्रेडर्स ने सूचकांकों में कोऑर्डिनेटेड पोजीशनिंग का पैटर्न पाया था। इसके बाद कुछ ऐसे बड़े अंडरलाइंग स्टॉक्स में तेज उतारचढ़ाव दिखा था, जिनकी सूचकांक में बड़ी हिस्सेदारी थी। कीमतों में असाधारण उतारचढ़ाव पर सवाल भी उठे थे। इस साल मई में मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि SEBI उस ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी के इस्तेमाल की जांच कर रहा है, जिसके तहत कंपनी इंडेक्स डेरिवेटिव्स में बड़े पोजिशन लेती है और फिर अंडरलाइंग इंडेक्स को अपनी पोजिशन से प्रॉफिट में डाल देती है।

ताजा जानकारी क्या मिली

रॉयटर्स के मुताबिक, एक सूत्र का कहना है कि SEBI, जेन स्ट्रीट, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई और फर्म की इंडियन यूनिट जेएसआई इनवेस्टमेंट्स की जांच कर रहा है। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के टॉप 50 शेयरों के इंडेक्स और बैंकिंग शेयरों के इंडेक्स में इन कंपनियों की एल्गोरिद्म ट्रेडिंग रणनीतियों की भी स्टडी कर रहा है। सूत्र के मुताबिक, “जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि इंडेक्स के शेयरों, विशेष रूप से बैंक शेयरों में बड़ी डेरिवेटिव्स पोजिशंस को लेने और फिर इस पोजिशन से फायदा उठाने के लिए फिजिकल मार्केट में इंडेक्स के ट्रेड का रिपीडेट पैटर्न था या नहीं।”

वैसे तो भारत, ट्रेडर्स पर डेरिवेटिव और फिजिकल मार्केट्स में इंट्राडे पोजीशन लेने पर कोई रोक नहीं लगाता है, लेकिन निगरानी प्रणाली आम तौर पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की पोजिशन लेने के बार-बार पैटर्न पर सिग्नल जरूर देती है। रॉयटर्स का कहना है कि स्टॉक एक्सचेंज की मदद से एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके बाद यूएस बेस्ड जेन स्ट्रीट को अपने ट्रेड्स के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए एक रेगुलेटरी नोटिस भेजा जाएगा।

MCX के शेयरों को लगे पंख, 7% उछलकर छुआ ऑल टाइम हाई; SEBI की एक मंजूरी से बंपर खरीद

भारत में डेरिवेटिव पोजिशंस से Jane Street को कितनी कमाई

एक और सूत्र ने कहा कि जांच जेन स्ट्रीट द्वारा भारत में डेरिवेटिव पोजिशंस पर कमाए गए बड़े मुनाफे से उपजी है। यह मुनाफा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ट्रेडिंग फर्म द्वारा कमाए गए मुनाफे से लगभग 5 गुना ज्यादा है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड मार्केट पर अपने दबदबे के लिए जानी जाने वाली जेन स्ट्रीट का 2024 के लिए शुद्ध ट्रेडिंग रेवेन्यू वैश्विक स्तर पर 20.5 अरब डॉलर था। इसने 2024 में भारत में इक्विटी डेरिवेटिव्स से 2.3 अरब डॉलर से अधिक की कमाई की। रॉयटर्स के दूसरे सूत्र ने कहा कि दिसंबर 2024 तक, भारत के ऑपरेशंस से फर्म का रेवेन्यू 20,000 करोड़ रुपये था।

2023 में कमाया 1 अरब डॉलर का मुनाफा

जेन स्ट्रीट ने दिसंबर 2020 में भारत में अपने ऑपरेशंस शुरू किए थे। सूत्रों का कहना है कि जेन स्ट्रीट की ट्रेड प्रैक्टिसेज पर अन्य बड़ी इंस्टीट्यूशनल फर्म्स की शिकायतों ने भी जांच को प्रेरित किया। जेन स्ट्रीट ने पिछले साल एक प्रतिद्वंद्वी हेज फंड, मिलेनियम मैनेजमेंट पर मुकदमा दायर किया था। आरोप था कि उसने जेन स्ट्रीट की एक वैल्यूएबल इन-हाउस ट्रेडिंग रणनीति चुराई है। इसके बाद एक अदालती सुनवाई में पता चला कि इस रणनीति में इंडिया में इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग शामिल थी और इनके जरिए 2023 में जेन स्ट्रीट ने 1 अरब डॉलर का मुनाफा कमाया था। दोनों फर्मों ने दिसंबर में मामले का निपटारा किया।

Warner Bros. Discovery बंटेगी 2 पब्लिक कंपनियों में, स्ट्रीमिंग और केबल कारोबार होंगे अलग

NSE दे चुका है क्लीन चिट

इससे पहले NSE ने भी जेन स्ट्रीट के इंडिया में कुछ फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेड्स की जांच की थी। NSE के सर्विलांस सिस्टम ने जेन स्ट्रीट के कुछ खास डेरिवेटिव सौदों को मार्क किया था। पाया था कि जेन स्ट्रीट के कुछ ट्रेड एक ही काउंटरपार्टी से मैच किए गए फिर रिवर्स कर दिए गए। इसका मतलब यह है कि जेन स्ट्रीट ने बहुत कम समय में अपनी ट्रेडिंग पोजिशन को रिवर्स कर दिया। ऐसा पहले की कीमत से काफी ज्यादा या काफी कम कीमत पर किया गया। NSE ने इस बारे में जेन स्ट्रीट के कस्टोडियन बैंक को जनवरी में नोटिस भेजा था। इसके जवाब में कस्टोडियन बैंक और जेन स्ट्रीट ने कहा था कि जिन सौदों के बारे में सवाल पूछे गए हैं वे मशीन बेस्ड थे। उनमें कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं था। इसका मतलब है कि ट्रेड किसी मकसद से नहीं किया गया था। NSE की ओर से जेन स्ट्रीट को क्लीन चिट मिल चुकी है।

Read More at hindi.moneycontrol.com