भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति में हाल ही में की गई दरों में कटौती और कैश रिजर्व रेशियो(CRR) में कमी का असर अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है. रेट कट और लिक्विडिटी में राहत के इस फैसले पर पांच बड़ी ब्रोकरेज फर्म्स ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. इसमें यह बताया गया है कि केंद्रीय बैंक के इस फैसले से किन सेक्टर्स और कंपनियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा और किसे सतर्क रहना होगा.
Goldman Sachs की राय
गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि RBI ने इस रेट कट के साथ ही ‘इज़िंग साइकिल’ यानी रेट कट की प्रक्रिया के अंत का संकेत दे दिया है. ब्रोकरेज के अनुसार, साल 2025 की दूसरी छमाही में हेडलाइन महंगाई दर 3.5% के आसपास रह सकती है, लेकिन 2026 के मध्य तक यह फिर से 4.5% के करीब पहुंच सकती है. गोल्डमैन के मुताबिक, RBI यह नहीं चाहेगा कि रियल इंटरेस्ट रेट (ब्याज दर – महंगाई) 1% से नीचे जाए जब तक ग्रोथ संतुलित बनी रहती है.
Axis Bank और HDFC Bank जैसे बैंक जिनकी लोन-टू-डिपॉजिट रेश्यो ज्यादा है. SBI Card, Shriram Finance और Cholamandalam Finance जैसे NBFCs जिनके पास फिक्स्ड रेट एसेट ज्यादा हैं. AU Bank, IndusInd Bank और IDFC First Bank जैसे मिड-साइज़ बैंक भी लाभ में रह सकते हैं.
JP Morgan ने क्या कहा?
जेपी मॉर्गन ने RBI के फैसले को “फ्रंट-लोडेड” कहा है, यानी RBI ने पहले ही काफी राहत दे दी है ताकि उसका असर जल्दी दिखे. ब्रोकरेज ने मौजूदा 5.50% पॉलिसी रेट को ही टर्मिनल रेट यानी अंतिम दर माना है. साथ ही, RBI ने महंगाई का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया है, लेकिन अब भी इसमें कुछ नकारात्मक जोखिम मौजूद हैं.
Macquarie की रिपोर्ट
मैक्वायरी ने RBI की नीति को उम्मीद से ज्यादा उदार बताया है. रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती और CRR में 100bps की कमी इसे ग्रोथ को बढ़ावा देने वाली नीति बनाती है. महंगाई का अनुमान घटाकर 3.7% किया गया है जो फूड और कमोडिटी प्राइसेज में नरमी की वजह से है. CRR कट से बैंक की मर्जिन में 5-6bps का सुधार होगा, हालांकि रेपो कट की वजह से थोड़ी नरमी भी आ सकती है.
Nomura की राय
नोमुरा मानता है कि CRR कट का फायदा मिड-साइज़ बैंकों को ज्यादा मिलेगा, जैसे IndusInd Bank, AU Bank और Federal Bank. वहीं, Axis Bank और HDFC Bank जैसे बड़े बैंक, जिनकी डिपॉजिट ग्रोथ सीमित है, उन्हें थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. सिटी का कहना है कि इस नीति का असर भावनात्मक रूप से HDFC Bank और Axis Bank जैसे बड़े बैंकों के लिए सकारात्मक रहेगा. साथ ही, CRR कट और टिकाऊ लिक्विडिटी राहत का फायदा Shriram Finance जैसे NBFCs को मिलेगा.
Read More at www.zeebiz.com