Cryptocurrency RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक बार फिर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जताई है. शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसलों की घोषणा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी देश की वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति के लिए खतरा बन सकती है. गवर्नर मल्होत्रा ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से यह सवाल पूछा था कि वह क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्पष्ट नीति क्यों नहीं बना रही है.
गवर्नर ने क्या कहा?
गवर्नर मल्होत्रा से जब क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “क्रिप्टो को लेकर कोई नई जानकारी नहीं है. सरकार की एक समिति इस पर काम कर रही है. हां, जैसा कि आप जानते हैं, हम क्रिप्टो को लेकर चिंतित हैं क्योंकि यह वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकता है.”
इस बयान से यह स्पष्ट है कि RBI अभी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सतर्क है और इसे वित्तीय व्यवस्था के लिए संभावित खतरे के रूप में देखता है. RBI पहले भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताओं को जाहिर कर चुका है, और इस बार गवर्नर का यह बयान एक बार फिर उस रुख की पुष्टि करता है.
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सुप्रीम कोर्ट ने भी 19 मई को क्रिप्टोकरेंसी पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से सवाल किया था कि अब तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाई गई है. यह टिप्पणी उस समय की गई थी जब सुप्रीम कोर्ट गुजरात में अवैध बिटकॉइन व्यापार के आरोप में गिरफ्तार शैलेश बाबूलाल भट्ट की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था. कोर्ट ने बिटकॉइन व्यापार की तुलना हवाला जैसे गैरकानूनी धंधे से की और इसे “रिफाइन्ड तरीका” बताया.
भारत सरकार इसपर कर रही काम
इस मुद्दे पर भारत सरकार फिलहाल एक चर्चा पत्र (discussion paper) पर काम कर रही है. यह पत्र विभिन्न हितधारकों की राय लेने के लिए तैयार किया जा रहा है ताकि अंतिम नीति तैयार की जा सके. इस प्रक्रिया में RBI, सेबी और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं और वैश्विक नियमों का अध्ययन कर रहे हैं.
अभी देश में नहीं है कोई कानून
बता दें कि भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर कोई स्पष्ट कानून नहीं है, यानी इसे अवैध तो नहीं माना गया है लेकिन यह पूरी तरह से वैध भी नहीं है. 2022 में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का ऐलान किया था. हालांकि टैक्स लगाने से यह वैध नहीं हो जाती. फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी भारत में एक अनियमित डिजिटल संपत्ति के रूप में मौजूद है और इसे लेकर सरकार की नीति का इंतजार किया जा रहा है.
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