maulana arshad madani attacks on US Israel says want to end Hamas but failed in gaza ann | ‘हमास का खात्मा चाहते हैं, लेकिन हो गए विफल’, मौलाना अरशद मदनी बोले

Jamiat Ulema-e-Hind on Gaza-Israel War: इजरायल और गाजा के युद्ध से मची तबाही और बर्बादी के बीच संयुक्त राष्ट्र में पेश प्रस्ताव पर अमेरिका के वीटो करने पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने नाराजगी जताई है. जमीयत उलमा ए हिंद ने शुक्रवार (6 जून, 2025) को एक बयान जारी कर गाजा में हो रहे विनाश और बर्बादी के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो करने से यह स्पष्ट हो गया है कि मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन अमेरिका है.

अमेरिका के कारण पारित नहीं हुआ UNSC का प्रस्ताव- जमीयत उलमा ए हिंद

जमीयत उलमा ए हिंद ने अपने बयान में कहा कि इजरायल और हमास के बीच तत्काल, व्यापक और स्थायी युद्ध विराम, गाजा में मानवीय सहायता की तुरंत पहुंच और मूल अधिकारों की बहाली के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के 15 में से 14 सदस्यों की ओर से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया गया. लेकिन 15 में से 14 सदस्यों के समर्थन में वोट करने के बावजूद अमेरिका के वीटो पावर के इस्तेमाल करने के कारण सुरक्षा परिषद यह प्रस्ताव पारित करने में विफल रहा.

अरबों के नरसंहार में अमेरिका की भागीदारी नंबर एक पर है- मौलाना मदनी

गाजा में फिलिस्तीनियों पर इजरायल की लगातार बमबारी और अत्याचार के खिलाफ स्थायी युद्ध विराम के प्रस्ताव पर अमेरिका के वीटो पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “14 देशों ने यह बेहतरीन प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, लेकिन अमेरिका ने इसका साथ नहीं दिया. इसका यह स्पष्ट मतलब है कि गाजा की तबाही और बर्बादी में अमेरिका का हाथ है और फिलिस्तीन में हुए अरबों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार भागीदारों में वह नंबर एक पर है.” उन्होंने कहा, “अमेरिका यह चाहता है कि गाजा को मानव मुक्त करके यहां यहूदियों को बसाया जाए, लेकिन अल्लाह ने चाहा तो ऐसा कभी नहीं होगा.”

स्वतंत्र और संप्रभु देश की स्थापना ही फिलिस्तीन मुद्दे का स्थायी समाधान- मौलाना मदनी

मौलाना मदनी ने आगे कहा, “जमीयत उलमा ए हिंद का शुरू ही से यह मानना है कि एक स्वतंत्र और संप्रभु देश की स्थापना ही फिलिस्तीन मुद्दे का स्थायी समाधान है. इन अकल्पनीय और खतरनाक परिस्थितियों में अमेरिका और उसके राष्ट्रपति के क्रूर इजरायल का अनुचित समर्थन अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है.”

मौलाना मदनी ने गाजा के लड़ाकों के साहस और बहादुरी को सलाम करते हुए कहा, “अमेरिका, इजरायल और वह सभी देश जो हमास का पूरी तरह खात्मा चाहते हैं, आज भी बुरी तरह विफल हैं. इस परिदृश्य को बाकी रखने के लिए निःसंदेह गाजा के लगभग एक लाख शहीदों ने अपना खून दिया है.” उन्होंने कहा, “जमीयत उलमा ए हिंद फिलिस्तान के स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी हार्दिक संवेदना का आश्वासन दिलाती है और उनकी आजादी की मांग का पूरा समर्थन करती है.”

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