Amazon फिलहाल Unitree G1 नाम के ह्यूमनॉइड रोबोट्स का इस्तेमाल कर रहा है, जिसकी कीमत लगभग $16,000 (लगभग 13 लाख रुपये) है। द गार्डियन की रिपोर्ट कहती है कि ये रोबोट दो पैरों और दो हाथों के साथ इंसानों जैसी मूवमेंट करने में सक्षम हैं। इन्हें खास इस तरीके से प्रोग्राम किया गया है कि ये वैन से उतरकर बिना इंसानी मदद के पैकेज उठा सकें और उसे ग्राहकों तक डिलीवर कर सकें। इन रोबोट्स को ऐसी जगहों पर भी टेस्ट किया जा रहा है जहां बाधाएं हों, ताकि ये रियल वर्ल्ड कंडीशन में डिलीवरी की ट्रेनिंग ले सकें।
रिपोर्ट आगे बताती है कि Amazon ने इस टेस्टिंग को लेकर यह भी क्लियर किया है कि अभी ये टेक्नोलॉजी पायलट फेज में है और इससे मौजूदा ड्राइवर्स की जॉब पर तुरंत कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी के मुताबिक, जब तक रोबोट पूरी तरह सक्षम नहीं हो जाते, तब तक डिलीवरी वैन को ह्यूमन ड्राइवर्स ही ऑपरेट करेंगे।
कंपनी का फोकस अब सिर्फ वेयरहाउस ऑटोमेशन तक सीमित नहीं रह गया है। पहले जहां Amazon ने ह्यूमनॉइड रोबोट्स को वेयरहाउस में ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया था, अब वही टेक्नोलॉजी लास्ट माइल डिलीवरी में भी लाई जा रही है। यह Amazon की लॉजिस्टिक्स में लागत घटाने और स्पीड बढ़ाने की लॉन्ग-टर्म स्ट्रैटजी का हिस्सा है।
वर्तमान में Amazon के पास कथित तौर पर अमेरिका में करीब 2.75 लाख डिलीवरी ड्राइवर्स हैं और ग्लोबली यह संख्या 15 लाख से अधिक है। ऐसे में अगर यह ह्यूमनॉइड टेक्नोलॉजी स्केल होती है, तो आने वाले समय में डिलीवरी इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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