अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने की शी जिनपिंग से फोन पर बात, किस मुद्दे पर हुई चर्चा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 5 जून को फोन पर बातचीत हुई है। यह बातचीत ऐसे समय हुई है, जब दोनों देशों के बीच टैरिफ बढ़ाने की होड़ और व्यापारिक तनाव चरम पर है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ के अनुसार, इस बातचीत की पुष्टि की गई है लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि बातचीत में किन-किन विषयों पर चर्चा हुई। व्हाइट हाउस ने भी इस बातचीत की पुष्टि तो की है लेकिन इस पर विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई।

इस खबर के सामने आने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में हल्की तेजी देखी गई है। माना जा रहा है कि इस बातचीत से दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव को कम करने की संभावनाएं बन सकती हैं। वहीं US में मौजूद चीन की एंबेसी की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा गया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अनुरोध पर उनसे फोन पर बातचीत की।

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वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा गया कि हम अमेरिका से निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के बाजार सिद्धांत को बनाए रखने, व्यापार मुद्दों का राजनीतिकरण बंद करने और चीनी तथा अन्य विदेशी व्यवसायों के लिए निष्पक्ष, न्यायपूर्ण और गैर-भेदभावपूर्ण वातावरण प्रदान करने का आह्वान करते हैं। चीन अपने यहां के व्यवसायों के वैध और कानूनी अधिकारों और उनके हितों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा, वह करेगा। चीन-अमेरिका शिक्षा सहयोग से दोनों पक्षों को लाभ होगा। अमेरिका ने जो किया, उससे उसकी अपनी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा।

चीन के खिलाफ अमेरिका ने उठाए थे कदम

गौरतलब है कि हाल ही में ट्रम्प प्रशासन ने संकेत दिया था कि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच बातचीत हो सकती है, लेकिन समय और विषय की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी। इसके अतिरिक्त, अमेरिका द्वारा बड़ी संख्या में चीनी छात्रों को देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू करने की बात भी सामने आई है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में और खटास आने की आशंका है।

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बता दें कि ट्रम्प ने पिछले महीने ही चीन पर जिनेवा में हुए टैरिफ रोलबैक समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इस पर चीन की तरफ से कहा गया था कि वाशिंगटन ने “झूठे आरोप लगाए हैं और चीन पर आम सहमति का उल्लंघन करने का अनुचित आरोप लगाया है।

 

 

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