16th Finance Commission : यूपी ने 16वें वित्त आयोग से मांगी केंद्रीय करों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी, सीएम योगी आयोग को दिया प्रस्ताव

लखनऊ : यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) ने बुधवार को 16वें वित्त आयोग (16th Finance Commission) से केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है। साथ ही प्रदेश ने विशेष विकास योजनाओं के लिए अलग से धनराशि देने की मांग की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने आयोग को प्रदेश की तरफ से मांग पत्र भी सौंपा है। वहीं, आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया (Commission Chairman Arvind Panagariya) ने बाद में पत्रकारों से कहा कि 28 में से 22-23 राज्यों ने करों में हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये मांग बहुत ज्यादा है, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय आयोग बाद में लेगा। आयोग की केंद्र व राज्य सरकार के बीच करों की हिस्सेदारी को लेकर सिफारिशें आगामी वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक के लिए होंगी।

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प्रदेश सरकार ने विकास और सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों का विस्तृत ब्योरा बुधवार को आयोग के सामने पेश किया। मुख्यमंत्री ने विस्तार से प्रदेश के विकास कार्यों के बारे में बताया। सरकार क्या कर रही है और प्रदेश की आयोग से क्या उम्मीदें हैं? वह भी विस्तार से बताई गई।

आयोग के अध्यक्ष ने बैठक के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि प्रदेश की विकास योजनाओं से आयोग प्रभावित है। प्रदेश की प्रगति काफी बेहतर है। अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार (Additional Chief Secretary Finance Deepak Kumar) ने भी अपने प्रस्तुतीकरण में बहुत अच्छे से राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी दी है। राजस्व की पहले जो दिक्कतें थी उन्हें बहुत अच्छे से हल कर लिया गया है। राजकोषीय घाटा भी करीब तीन प्रतिशत के आस-पास है।

इसके अलावा प्रदेश ने करों में बंटवारे के फार्मूला में भी बदलाव की मांग की है। प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) द्वारा मापी गई आय अंतर (इनकम डिस्टेंस) मानदंड का भार पहले की तरह 45 प्रतिशत ही रखने की मांग की है। भौगोलिक क्षेत्रफल को 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की मांग की है।

जनसंख्या मानदंड (Population Criteria) 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 22.5 प्रतिशत करने, जनसांख्यिकी को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत करने व वन एवं पारिस्थितिकी को 10 से घटाकर पांच प्रतिशत करने की मांग की है। इसी प्रकार स्वयं के करों का मानदंड 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव आयोग को दिया है।

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