माइक्रोकैप शेयरों में निवेश का मौका, मोतीलाल ओसवाल ने लॉन्च किया BSE 1000 इंडेक्स फंड – motilal oswal launches bse 1000 index fund offering microcap investment opportunity with rising liquidity and growth potential

BSE 1000 Index: मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) ने BSE 1000 इंडेक्स पर आधारित एक नया फंड लॉन्च किया है। कंपनी ने इसे भारत के तेजी से विकसित हो रहे कैपिटल मार्केट में एक अहम कदम बताया है। इस फंड के जरिए निवेशकों को माइक्रोकैप सेगमेंट में एक्सपोजर मिलेगा, जहां अब तक निवेश सीमित रहा है।

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के पैसिव फंड प्रमुख प्रतीक ओसवाल ने बताया कि BSE 1000 इंडेक्स फंड उन क्षेत्रों में अवसर पेश करता है, जो अब भी अंडर-पेनेट्रेटेड हैं। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि ग्रोथ उन्हीं सेगमेंट्स से आएगी जहां अभी बहुत अधिक निवेश नहीं हुआ है।”

BSE 1000 इंडेक्स में टॉप 1,000 कंपनियां शामिल हैं। इसमें 60% वेटेज लार्जकैप, 18% मिडकैप, 9% स्मॉलकैप और करीब 5% माइक्रोकैप कंपनियों को दिया गया है। यह इंडेक्स इस साल की शुरुआत में लॉन्च हुआ था।

माइक्रोकैप सेगमेंट में बढ़ी दिलचस्पी

ओसवाल के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में माइक्रोकैप सेगमेंट की मार्केट कैप और लिक्विडिटी में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। जहां 5-6 साल पहले इस सेगमेंट का इंडेक्स वेटेज सिर्फ 3.13% था, अब यह बढ़कर 6.63% तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान औसत मार्केट कैप 6.5 गुना बढ़ी है, और आने वाले वर्षों में यह हिस्सा 8-10% तक जा सकता है।

माइक्रोकैप में अभी क्या दिक्कत है?

ओसवाल का कहना है कि माइक्रोकैप कंपनियों को लेकर जानकारी की कमी है। हालांकि, इससे इस सेगमेंट में वैल्यू की तलाश आसान हो जाती है। उन्होंने कहा, “जहां लार्जकैप स्टॉक्स पर 25 से ज्यादा एनालिस्ट कवरेज देते हैं, वहीं माइक्रोकैप में औसतन केवल दो एनालिस्ट ही कवरेज करते हैं। यहां तक कि 45% माइक्रोकैप स्टॉक्स को कोई भी एनालिस्ट कवर नहीं करता।”

लिक्विडिटी अब कोई समसाया नहीं

पहले माइक्रोकैप सेगमेंट में निवेश को लेकर सबसे बड़ी चिंता लिक्विडिटी थी। लेकिन, अब ओसवाल के अनुसार, बीते पांच वर्षों में इस सेगमेंट में लिक्विडिटी करीब 13 गुना बढ़ी है। उन्होंने कहा, “यह अब एक इन्वेस्टेबल सेगमेंट बन चुका है, जबकि पहले इसे जोखिम भरा माना जाता था।”

सही समय पर सही कदम

एशिया इंडेक्स के एमडी और सीईओ आशुतोष सिंह ने बताया कि भारतीय बाजार की गहराई अब विकसित देशों के बाजारों के बराबर हो रही है। उन्होंने कहा, “1984 में लॉन्च हुआ Russell 1000 इंडेक्स $2.5 ट्रिलियन की मार्केट कैप पर था। भारतीय बाजार अब इससे दोगुने स्तर पर पहुंच चुके हैं।”

सिंह के मुताबिक, इंडेक्स के निचले 500 शेयरों की औसत मार्केट कैप 9 गुना बढ़ी है और लिक्विडिटी में 13 गुना इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि BSE 1000 इंडेक्स इस विकास को दिखाता है और यह निवेशकों को भारत के विविध और तेजी से बढ़ते इक्विटी मार्केट में भागीदारी का मौका देगा।

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