उन्नाव। यूपी योगी सरकार जीरो टॉलरेन्स नीति पर काम कर रही है। वही अगर बात उन्नाव जिले की नगर पालिका गंगाघाट की जाए तो यहां के भ्रष्ट अधिकारी योगी सरकार की नीति को ठेंगा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
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आपको बता दें कि नगर पालिका गंगाघाट क्षेत्र के वार्ड संख्या 28, ब्रम्ह नगर इलाके में भ्रष्टाचार की नई इबारत गढ़ी गई है। जहां सूत्रों के अनुसार एक बेहतर स्थिति वाली सड़क का टेंडर करके भ्रष्टाचार किया जा रहा है । इस मामले को लेकर पालिका के एक बोर्ड सदस्य ने इसकी लिखित शिकायत भी की, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों ने शिकायत को अनदेखा कर अपने गलत मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में जुटे हुए हैं।
बता दें कि विगत मार्च में नगर पालिका परिषद गंगाघाट द्वारा ई टेंडर प्रकाशित कर क्रम संख्या 57 पर कार्य का नाम वार्ड नंबर 28 में महेन्द्र पाण्डेय के घर से राम कुमार के घर तक इंटरलॉकिंग रोड मरम्मत व सीसी नाली का निर्माण कार्य प्रस्तावित हुआ था। जिसकी आंकलन राशि 12,56,112.00 स्पष्ट अंकित है और कार्य पूर्ण करने की अवधि एक माह है। जबकि टेंडर प्रकिया के पहले जिम्मेदार अधिकारियों को मौके स्थल का भौतिक सत्यपान कर उक्त कार्य का आगणन कर रिपोर्ट बनाते हैं। लेकिन पैसे के लालच के चलते अवर अभियंता घनश्याम मौर्या व ठेकेदार की मिलीभगत के चलते बेहतर स्थिति वाली सड़क का स्थलीय निरीक्षण कर अवैध स्टीमेट बनाया गया । षड़यंत्र रचकर ई टेंडररिंग के माध्यम से अपने शुभचिंतक शिव सागर कंस्ट्रक्शन को वर्क आर्डर दिला दिया।
पालिका बोर्ड सदस्य फुरकान खान के बताया कि नियमानुसार अगर कोई नया वर्क आर्डर जारी होता है तो कार्य सम्पूर्ण होने के उपरांत करीब पांच वर्ष तक उसका दोबारा टेंडर नहीं हो सकता है, क्योंकि जो भी टेंडर कर्ता उस कार्य को करता है। उसकी सिक्योरिटी मनी करीब 5 वर्ष तक जमा रहती है ताकि उस दौरान अगर निर्माण कार्य में कोई टूट फूट होती है तो सही कराने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी टेंडरकर्ता की होती है।
वहीं उक्त कार्य को लेकर एक बोर्ड मेंबर ने विगत 17 अप्रैल 2025 को लिखित शिकायत पालिका अध्यक्ष व अधिशाषी अधिकारी को दी, लेकिन शिकायत को दरकिनार करते हुए कार्यादेश अधिशाषी अधिकारी मुकेश कुमार मिश्रा ने वर्क आर्डर जारी कर दिया।
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वर्तमान समय में ठेकेदार द्वारा नाली सफाई करा कर निर्माण कार्य चालू करा दिया गया है जिसमे नाली मरम्मत और पत्थर ढलाई का कार्य तीव्र गति से हो रहा है। उक्त जगह पर मरम्मत की कोई जरुरत नहीं थी। पालिका बोर्ड के एक सदस्य की लिखित शिकायत में उक्त जगह का स्थलीय निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन करके आगणन व कार्यादेश निरस्त किए जाने की निष्पक्ष मांग की है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी पैसे के लालच के चलते सभी शिकायत व मांगें व्यर्थ और निष्प्रभावी साबित हुई और कार्यादेश जारी कर भ्रष्टाचार को फलने फूलने दिया जा रहा है।
रिपोर्ट – मुकेश गौतम
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