Ukraine stunned Russia with its 20-year-old technology destroyed many places with drone attacks

Russia-Ukraine War: यूक्रेन ने हाल ही में रूस के खिलाफ एक बड़ा ड्रोन हमला किया जिसे “ऑपरेशन स्पाइडर वेब” नाम दिया गया. यह हमला रूस की सीमाओं के भीतर गहराई तक किया गया जिसमें यूक्रेन ने रूस के तीन बड़े एयरबेस बेलाया, ओलेन्या और इवानोवो पर जोरदार हमला कर दिया. इस हमले में रूस के एक-तिहाई से ज्यादा रणनीतिक लंबी दूरी तक मार करने वाले बमवर्षक विमानों को नष्ट कर दिया गया. लेकिन इस हमले की सबसे हैरान कर देने वाली बात यह रही कि इसमें जिस तकनीक का उपयोग हुआ, वह करीब 20 साल पुराना ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर था ArduPilot.

क्या है ArduPilot?

यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है जिसमें कहा गया है कि इस हमले में ArduPilot नामक सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल हुआ जिसे सबसे पहले 2007 में क्रिस एंडरसन ने LEGO Mindstorms किट की मदद से बनाया था. एंडरसन उस वक्त WIRED मैगज़ीन के एडिटर-इन-चीफ थे. इसके बाद उन्होंने जोर्डी मुनोज़ और जेसन शॉर्ट के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को एक पूर्ण प्लेटफॉर्म में बदल दिया.

शुरुआत में यह सॉफ्टवेयर Arduino हार्डवेयर के लिए तैयार किया गया था लेकिन समय के साथ यह इतना उन्नत हो गया कि अब यह ड्रोन, नाव, पनडुब्बी और रोवर्स को भी नियंत्रित कर सकता है. इसके ज़रिये GPS वेपॉइंट सेट करना, टेक-ऑफ और लैंडिंग को ऑटोमैट करना और ड्रोन की उड़ान को स्थिर रखना संभव होता है.

सॉफ्टवेयर शांति के लिए बना था

ArduPilot को मूल रूप से शांति और जनसेवा के उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया था जैसे कि खोज और बचाव कार्य, कृषि सर्वेक्षण या 3D मैपिंग. लेकिन अब यह सॉफ्टवेयर युद्ध के मैदान में भी अपनी उपयोगिता साबित कर रहा है. चूंकि यह ओपन-सोर्स है, इसलिए कोई भी इसे अपनी ज़रूरत के हिसाब से मॉडिफाई कर सकता है.

इस प्रोजेक्ट की आधिकारिक वेबसाइट भी यही कहती है कि यह एक वैश्विक समुदाय द्वारा संचालित है जो नैतिक विकास पर जोर देता है. हालांकि डेवलपर्स इसका हथियारों के रूप में इस्तेमाल न करने की अपील करते हैं लेकिन किसी पर रोक नहीं है क्योंकि यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है.

कैसे हुआ ऑपरेशन ‘स्पाइडर वेब’?

ऑनलाइन सामने आए वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि यूक्रेनी ड्रोन ArduPilot से लैस थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी SBU ने इन विस्फोटक ड्रोन को रूस के भीतर ट्रकों और स्टोरेज यूनिट्स में छिपाकर पहुंचाया था. जैसे ही ऑपरेशन शुरू हुआ, इन छिपे हुए कंटेनरों की छतें खुलीं और ड्रोन अपने टारगेट की ओर रवाना हो गए.

दिलचस्प बात यह है कि इन ड्रोन ने Starlink जैसी सैटेलाइट सेवा की जगह साधारण मोबाइल नेटवर्क और Raspberry Pi जैसे छोटे कंप्यूटर बोर्ड्स का इस्तेमाल किया. हाई लैटेंसी के बावजूद, ArduPilot सॉफ़्टवेयर ने उड़ान नियंत्रण और स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई.

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने दी पुष्टि

राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने X (पहले ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस ऑपरेशन में कुल 117 ड्रोन शामिल थे और इस मिशन की तैयारी पिछले एक साल से चल रही थी. उन्होंने कहा, “हमने रूस की तीन टाइम ज़ोन में एक साथ हमला किया और हमारे सभी ऑपरेटिव्स को रूस से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.”

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