Dhumavati Jayanti 2025 date puja shubh yog upay for enemies and karj mukti

Dhumavati Jayanti 2025: ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को देवी धूमावती की उत्पत्ति का दिन माना जाता है. इसलिए हर साल इस तिथि पर धूमावती जयंती मनाई जाती है. 10 महाविद्याओं में धूमावती सातवीं देवी हैं, जिनकी पूजा से केतु समस्त कई ग्रहों का दोष दूर होता है और कई प्रकार की समस्याओं से भी मुक्ति मिल जात है. आइये जानते हैं इस वर्ष कब है धूमावती जयंती.

धूमावती जयंती 2025 तिथि और योग

पंचांग के मुताबिक इस वर्ष ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मंगलवार 3 जून को पड़ रही है और इसी दिन धूमावती जयंती मनाई जाएगी. दरअसल अष्टमी तिथि का आरंभ 2 जून रात 08:34 पर होगा और समापन 3 जून की रात 09:56 पर होगा. उदयातिथि के मुताबिक 3 जून को ही धूमावती जयंती मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि, इस दिन रवि योग और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा. देवी धूमावती की पूजा के लिए 3 जून 2025 को दोपहर 11:58 से दोपहर 12:51 तक का समय शुभ रहेगा. क्योंकि इस समय अभिजीत मुहूर्त रहेगा.

धूमावती जयंती पर करें ये उपाय (Dhumavati Jayanti 2025 Upay)

  • कर्ज मुक्ति के उपाय: घर पर हवन कराने के लिए धूमावती जयंती का दिन शुभ होता है. इस दिन आप नीम की पत्तियां और घी का इस्तेमाल करते हुए घर पर हवन करें. इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी ठीक होती है और कर्ज से भी मुक्ति मिलती है.  
  • शत्रुओं से मुक्ति के लिए: शत्रु से परेशान हैं तो धूमावती जयंती पर घर पर हवन कराने के साथ ही नमक से तीन बार घर की नजर उतारें. इससे उपाय से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी और शत्रुओं का नाश होगा.
  • परेशानियों से छुटकारा के लिए: जीवन में छोटी-बड़ी परेशानियों से परेशान रहते है तो धूमावती जयंती पर आपको गुड़ का दान करना चाहिए. इसी के साथ इस दिन कौवों को भोजन कराएं. इससे जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिलेगी.

कौन है देवी धूमावती

पौराणिक कथा के अनुसार,  एक बार शिव-पार्वती कैलाश पर भ्रमण कर रहे थे, तभी अचानक देवी पार्वती को भूख लगी. शिवजी ने पार्वती को कुछ समय प्रतीक्षा के लिए कहा. लेकिन देवी पार्वती की भूख बढ़ने लगी और इतनी बढ़ गई कि उन्होंने शिव को ही निगल लिया. शिव जी के भीतर विष का प्रभाव है,जिसका असर देवी पार्वती पर भी होने लगा, जिससे पार्वती का शरीर धूएं के समान काला हो गया. कहा जाता है कि देवी पार्वती के इसी विकृत स्वरूप से देवी धूमावती की उत्पत्ति हुई.

ये भी पढ़ें: Mangala Gauri Vrat in 2025: मंगला गौरी व्रत कब है, जानिए तिथि, पूजा विधि और व्रत से जुड़े नियम
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com