Explainer: 1500 मौत, 25000 घायल, बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना पर लगे जो आरोप उसमें कितनी है सजा ?। ताजा खबर

Crimes Against Humanity: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर संगीन आरोप लगे हैं। दरअसल, उन्हें साल 2024 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध का आरोपी बनाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गई है। बांग्लादेशी मीडिया में पब्लिश खबरों के अनुसार आरोपों में उन पर सरकारी सुरक्षा बलों और राजनीतिक संगठनों के विरोध प्रदर्शनों को दबाने का आदेश देने का आरोप लगा है। याचिका में यह भी बताया गया है कि विरोध प्रदर्शन में करीब 1500 लोगों की मौत और तकरीबन 25000 से अधिक लोग घायल हुए थे। बता दें कि शेख हसीना के खिलाफ चीफ प्रोसिक्यूटर ताजुल इस्लाम ने ये याचिका दायर की है।

जानकारी के अनुसार बांग्लादेश में मानवता के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध (अदालत) अधिनियम, 1973 लागू है। बता दें कि इस कानून के तहत युद्ध अपराध, नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच और मुकदमा चलाने के लिए स्थापित की गई थी। रिपोर्ट्स बताती हैं कि मानवता के खिलाफ अपराध संबंधी इन नियमों को साल 2013 में संशोधित भी किया गया था।

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सजा अपराध की गंभीरता और कोर्ट के ऑर्डर पर निर्भर करता है

विदेशी मामलों के जानकारों के अनुसार बांग्लादेश में मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास और फांसी (मृत्युदंड ) जैसे कठोर दंड दिए जाने का प्रावधान है। इसक अलावा अन्य सजा अपराध की गंभीरता और कोर्ट के ऑर्डर पर निर्भर करता है। बता दें बांग्लादेश में तख्तापलट का आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (JUD) ने जिम्मा लिया है।

बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना के खिलाफ कैसे चलेगा ट्रायल ?

बांग्लादेश में मानवता के खिलाफ अपराध मामले में सबसे पहले आरोपों के खिलाफ जांच और फिर उसके बारे में सबूत एकत्रित किए जाते हैं। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार ऐसे मामलों में जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई जाती है, जो वीडियो फुटेज, ऑडियो रिकॉर्डिंग, गवाहों के बयान और अन्य सबूतों को इकट्ठा करती है। बता दें शेख हसीना पर लगे आरोपों पर जांच के बाद12 मई को जांच रिपोर्ट सौंपी गई है।

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बांग्लादेश के अलावा मानवता के खिलाफ अपराध मामले कई अन्य देशों में भी सुने जाते हैं

बांग्लादेश में मानवता के खिलाफ अपराध मामले में जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल किया जाता है। आरोपों पर सुनवाई के दौरान गवाहों, सभी पक्षों को सुना जाता है। इसके बाद गवाही, सबूतों की समीक्षा और अभियोजन तथा बचाव पक्ष की दलीलों पर विचार करने के बाद ही अदालत नियमों के अनुसार ही अपना कोई फैसला सुनाती है। बता दें बांग्लादेश के अलावा मानवता के खिलाफ अपराध मामले कई अन्य देशों में भी सुने जाते हैं।

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